वरिष्ठ पत्रकार ऋचा अनिरुद्ध ने पत्रकार दानिश सिद्दीकी की हत्या पर जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की टिप्पणी पर आपत्ति दर्ज कराई है। अबदुल्ला ने पत्रकार की हत्या पर जश्न मनाने वाले लोगों पर निशाना साधते हुए कहा कि अफगानिस्तान में अपना काम कर रहे दानिश की हत्या तालिबान के लोगों द्वारा कर दी गई, यह दुखद है लेकिन एक तथ्य य़ह भी कुछ लोग उसकी मौत पर जश्न मना रहे हैं, क्योंकि वह अपने काम में अच्छा था। दानिश ने अपने काम से लोगों को असहज कर दिया था। इसी के साथ उन्होंने राइट विंग ट्रोलर्स पर भी हमला बोला।
अब्दुल्ला की इस टिप्पणी पर पत्रकार ऋचा अनिरुद्ध ने कहा कि दानिश की हत्या पर जश्न मनाना बिल्कुल गलत है लेकिन एक तथ्य यह भी है कि कुछ लोग आज दानिश के लिए बुरा महसूस कर रहे हैं, यही लोग कभी रोहित सरदाना की मौत पर जश्न मनाने को सही ठहराया करते थे। ऋचा ने अब्दुल्ला के अंदाज में ही हिपोक्रेसी पर भी हमला साधा। इसी के साथ उन्होंने लिखा कि आपको अब समझना चाहिए कि अब आपके दोहरे मापदंड दिखाई देने लगे हैं।
That Danish’s death is being celebrated by some trolls is tragic BUT the fact that same people who are feeling bad for him today were justifying the celebration of Rohit Sardana’s death. Rot in hell Hypocrites! And understand-Your double standards are just toooo visible now! https://t.co/eDNF6FmJmU
— richa anirudh (@richaanirudh) July 17, 2021
उनके इस ट्वीट पर कई यूजर्स सपोर्ट में भी उतरे हैं। एन आर कदम नाम के यूजर लिखते हैं कि जब रोहित सरदाना की मौत पर लोग तालियां पीट रहे थे तो ऐसी ही पीड़ा मन में उठी थी, रोहित इस देश में करोड़ों लोगों के चहेते थे, उनके निधन से देश ने एक चोटी का पत्रकार खो दिया। दानिश के निधन पर भी किसी को तालियां पीटने का हक नहीं है।
जब रोहित सरदाना के निधन पर कुछ लोग तालियां पीट रहे थे तो ऐसी ही पीड़ा मन में उठी थी। रोहित इस देश में करोड़ों लोगों के चहेते थे , उनके निधन से देश ने एक चोटी का पत्रकार खो दिया। दानिश के निधन पर भी किसी को तालियां पीटने का हक नहीं है।
— N.R.Kadam (@nr_kadam) July 17, 2021
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि भारतीय पत्रकार दानिश सिद्दीकी की मौत शुक्रवार को उस वक्त हो गई थी जब वह अफगानिस्तान के कंधार में तालिबानी आतंकियों और सुरक्षाबलों के बीच जारी लड़ाई का कवरेज कर रहे थे। सिद्दीकी को साल 2018 में पुल्तिजर अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था। वह एक न्यूज एजेंसी के लिए काम करते थे। उन्हें तालिबानी आतंकियों ने गोली मारी थी।