ट्विटर के खिलाफ कोर्ट पहुंचे वकील को दिल्ली हाईकोर्ट ने कड़ी फटकार लगाते हुए कहा कि ये कोई जरूरी मामला नहीं है। याचिका कर्ता चाहें तो सोशल मीडिया के दूसरे प्लेटफार्म का इस्तेमाल कर सकते हैं। कोर्ट ने उनकी याचिका पर तत्काल सुनवाई करने से साफ तौर पर इनकार कर दिया।

दरअसल, एडवोकेट संजय हेगड़े का ट्विटर अकाउंट दो साल पहले सोशल मीडिया कंपनी ने ब्लॉक कर दिया था। हेगड़े ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका लगाई। आज उन्होंने मामले की त्वरित सुनवाई के लिए कोर्ट से अपील की। उनका कहना था कि वो दो सालों से परेशान हैं, क्योंकि अकाउंट ब्लॉक है।

जस्टिस रेखा पल्ली ने उन्हें फटकार लगाते हुए कहा कि इसमें अर्जेंट क्या है। हेगड़े के वकील से कोर्ट ने कहा कि उनका क्लाइंट बगैर ट्विटर के भी काम कर सकता है। वकील ने दलील दी तो कोर्ट ने कहा कि हम भी ट्विटर का इस्तेमाल नहीं करते हैं, लेकिन क्या इससे कामकाज रुक जाते हैं।

कोर्ट का कहना था कि उनके सामने और भी कई केस हैं, जिनकी सुनवाई प्राथमिकता के आधार पर होनी जरूरी है। अगर हेगड़े को सोशल मीडिया प्लेटफार्म की इतनी ही जरूरत है तो वह इंस्टाग्राम या फिर किसी अन्य टेक कंपनी से खुद को जोड़ सकता है। इसकी त्वरित सुनवाई के लिए कोर्ट के पास समय नहीं है। बेंच ने उनकी दरखास्त को खारिज कर दिया।

ट्विटर पिछले कुछ अर्से से लगातार विवादों में चल रहा है। आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद का अकाउंट ब्लॉक करने के बाद मामले ने तूल पकड़ लिया। इस दौरान टेच कंपनी के खिलाफ केस भी दर्ज हुए, लेकिन बेंगलुरु हाईकोर्ट से राहत मिल गई। फिलहाल ट्विटर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के अकाउंट को ब्लॉक करने को लेकर चर्चा में है। राहुल का अकाउंट अब बहाल कर दिया गया है, लेकिन कांग्रेस नेता ने फिलहाल ट्विटर से दूरी बना ली है।