लाल किला विस्फोट मामले में गिरफ्तार डॉक्टर शाहीन शाहिद के बड़े भाई ने बुधवार को अपनी बहन के आतंकवादी गतिविधियों से कथित जुड़ाव पर अविश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि उनका परिवार अब भी यह मानने को संघर्ष कर रहा है कि वह किसी गैरकानूनी गतिविधि में शामिल हो सकती है। दूसरी ओर, आरोपी के पूर्व पति ने दावा किया कि उसने अपने विवाहित जीवन में कभी बुर्का नहीं पहना और अपने बच्चों के लिए एक प्यारी और देखभाल करने वाली मां थीं। वह बेहतर जीवन की चाहत में वह विदेश जाना चाहती थी।
भाई ने शाहीन के बारे में क्या कहा?
दिल्ली के लाल किले के पास हुए विस्फोट के दो दिन बाद लखनऊ में ‘पीटीआई -वीडियो’ से बात करते हुए शाहीन के भाई मोहम्मद शोएब ने कहा कि आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) और पुलिस के अधिकारी उनके घर आए थे, हालांकि उन्होंने परिवार के साथ सम्मानजनक व्यवहार किया। शोएब ने कहा, ‘‘उन्होंने घर की तलाशी ली और सामान्य तरीके से सवाल पूछे, जैसे आप अभी मुझसे पूछ रहे हैं। न तो मेरे पिता और न ही मेरे साथ कोई बुरा व्यवहार किया गया। हमें कुछ भी कहने के लिए कोई दबाव या ज़बरदस्ती नहीं की गयी। उन्होंने सिर्फ़ यह पूछा कि मेरी बहन ने हमसे कब मिलना बंद कर दिया।’’ शोएब ने बताया कि पिछले चार सालों से वह और उसकी बहन एक-दूसरे के संपर्क में नहीं थे।
उन्होंने आगे कहा, “हमारा कोई संपर्क नहीं है। हमारी आखिरी बार बात हुए चार साल हो गए हैं।” उन्होंने बताया कि उनके माता-पिता कभी-कभार उसका हालचाल पूछते थे। उन्होंने कहा, “माता-पिता स्वाभाविक रूप से अपने बच्चों को फ़ोन करके पूछते हैं कि वे कैसे हैं। मैं उसका बड़ा भाई हूं – ज़ाहिर है, मुझे भी उनकी चिंता होगी, क्या यह सामान्य नहीं है।’’ जब उनसे पूछा गया कि क्या वह कभी लखनऊ में आईआईएम रोड के पास उनके घर गए हैं, तो शोएब ने कहा कि वह वहां कभी नहीं गए।
उन्होंने आगे कहा, ‘‘नहीं, मैं वहां कभी नहीं गया। मुझे बस इतना पता था कि आईआईएम रोड पर कहीं उसका एक घर है, लेकिन मुझे सही जगह भी नहीं पता।” उसकी गतिविधियों पर किसी भी तरह के संदेह से इनकार करते हुए, उन्होंने कहा, “यहां तक कि जब वह मेडिकल की पढ़ाई कर रही थी, तब भी उसके किसी भी संदिग्ध काम में शामिल होने का कोई संकेत नहीं मिला। मुझे अब भी इन आरोपों पर यकीन नहीं होता। जैसा कि मैंने पहले भी कहा है – मुझे इस पर यकीन ही नहीं हो रहा है।’’
शाहीन के पूर्व पति ने क्या बताया?
इस बीच, उसके पूर्व पति डॉ. ज़फ़र हयात ने बुधवार को कानपुर में ‘पीटीआई- वीडियो’ को बताया कि उन्हें कल शाम ही इस मामले में उसकी संलिप्तता के बारे में पता चला। हयात ने कहा कि उनकी और शाहीन की शादी नवंबर 2003 में हुई थी और दोनों ने अलग-अलग मेडिकल की पढ़ाई की थी, और वह शाहीन के सीनियर थे।
उन्होंने कहा, “हमारा तलाक 2012 के अंत में हुआ था। मुझे नहीं पता कि उसके दिमाग में क्या चल रहा था जिसके कारण यह हुआ। हमारे बीच कभी कोई विवाद या झगड़ा नहीं हुआ। वह एक प्यार करने वाली और ख्याल रखने वाली इंसान थी।” उन्होंने आगे कहा कि तलाक के बाद से उनके बीच कोई संपर्क नहीं रहा। हयात ने कहा, “मुझे कभी अंदाज़ा नहीं था कि वह ऐसी गतिविधियों में शामिल हो सकती है। वह अपने परिवार और बच्चों से बहुत जुड़ी हुई थी, उनसे बेहद प्यार करती थी और उनकी पढ़ाई का ध्यान भी रखती थी।”
अपनी शादी को याद करते हुए, उन्होंने बताया कि शाहीन ने शादी की रस्मों के अलावा कभी बुर्का नहीं पहना। उन्होंने कहा, “मैंने उसे कभी बुर्के में नहीं देखा। मुझे अब बताई जा रही किसी भी आतंकी गतिविधि में उसकी कथित संलिप्तता के बारे में कोई जानकारी नहीं है। हमारा तलाक बहुत पहले 2012 में हुआ था, और अगर वह बाद में किसी चीज़ में शामिल हुई, तो मुझे उसके बारे में कुछ नहीं पता।”
उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें हाल ही में पता चला कि वह भारत में है। इसके अलावा, हयात ने पत्रकारों को बताया कि अपनी शादी के दौरान उसने कभी भी (आतंकवादी गतिविधियों की ओर झुकाव का) कोई संकेत नहीं दिखाया। उन्होंने कहा कि एक बार शाहीन से बातचीत हुई थी, जिसमें उसने बेहतर जीवन स्तर और बेहतर वेतन के लिए ऑस्ट्रेलिया या यूरोप में बसने का सुझाव दिया था।
नेत्र रोग विशेषज्ञ ने पत्रकारों को बताया, “लेकिन मैंने उससे कहा कि हम यहां पहले से ही अच्छा जीवन जी रहे हैं, अच्छी नौकरियां हैं, बच्चे हैं, हमारे रिश्तेदार और यहां सब लोग हैं, हम वहां अकेला महसूस करेंगे।”
जांचकर्ताओं के अनुसार, फरीदाबाद स्थित अल-फलाह विश्वविद्यालय से जुड़ी एक डॉक्टर शाहीन शाहिद, सोमवार को लाल किले के पास हुए विस्फोट के बाद गिरफ्तार किए गए लोगों में शामिल थीं। पुलिस को संदेह है कि वह उसी विश्वविद्यालय के एक अन्य संकाय सदस्य डॉ. मुज़म्मिल गनई से जुड़ी थी, जिन पर प्रतिबंधित संगठनों जैश-ए-मोहम्मद और अंसार ग़ज़वत-उल-हिंद से जुड़े एक “सफेदपोश आतंकी मॉड्यूल” का हिस्सा होने का आरोप है।
अधिकारियों ने बताया कि कश्मीर, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में फैले इस मॉड्यूल का पर्दाफाश 2,900 किलोग्राम विस्फोटक बरामद होने और अल-फलाह विश्वविद्यालय के तीन डॉक्टरों सहित आठ लोगों की गिरफ्तारी के बाद हुआ। जांचकर्ताओं ने दावा किया है कि शाहीन भारत में जैश-ए-मोहम्मद की महिला भर्ती शाखा, जमात-उल-मोमिनात, का नेतृत्व कर रही थी। मंगलवार को, उसके पिता, सैयद अहमद अंसारी ने संवाददाताओं को बताया कि वह उसकी कथित संलिप्तता के बारे में सुनकर “स्तब्ध” हैं।
उन्होंने आगे कहा, “मैंने शाहीन से आखिरी बार लगभग एक महीने पहले बात की थी। मैंने उसे कभी भी डॉ. मुज़म्मिल या ऐसी गतिविधियों में शामिल किसी भी व्यक्ति का ज़िक्र करते नहीं सुना।” उन्होंने आगे बताया कि उनकी बेटी ने प्रयागराज से अपनी मेडिकल की पढ़ाई पूरी की है। लाल किला विस्फोट की जांच प्रमुख आतंकवाद विरोधी एजेंसी राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) द्वारा की जा रही है। इस विस्फोट में 12 लोग मारे गए थे जबकि कई अन्य घायल हुए हैं।
INPUT- PTI,BHASHA
