चंबल की बीहड़ों में खूंखार डकैतों ने बरसों तक राज किया। इस दौरान इन डकैतों ने कई बार पुलिस को खुलेआम चुनौती भी दी। हालांकि, जब पुलिस ने इन डकैतों के खिलाफ कड़ाई से अभियान चलाया तब या तो कई डकैत मारे गये या फिर कइयों ने सरेंडर कर दिया। आज बात चंबल के कुख्यात डकैत जगन गुर्जर की। साल 2019 में ढोलपुर जिले के डांग इलाके में जगन गुर्जर ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था। जगन गुर्जर पर पुलिस ने 45,000 रुपए का इनाम रखा था।
उस वक्त जगन गुर्जर ने बसई डांग थाना इलाके में स्थित एक मंदिर के नजदीक सरेंडर किया था। उसके पास से 315 बोर की एक गन और 5 जिंदा कारतूस भी मिले थे। एक वक्त था जब चंबल के इलाकों में जगन गुर्जर की तूती बोलती थी। बताया जाता है कि साल 1994 से लेकर 2018 के बीच वो कई बार गिऱफ्तार हो चुका था लेकिन वो हार बार जमानत पर रिहा होकर जेल से बाहर आ जाता था। बताया जाता है कि इस कुख्यात पर ढोलपुर और करौली जिले में करीब 100 केस दर्ज थे।
जगन गुर्जर धौलपुर के डांग के भवुतीपुरा का रहने वाला है। साल 1994 में उसने जीजा की हत्या के बाद पत्नी और भाइयों के साथ मिलकर गैंग बनाया था। गुर्जर पर राजस्थान, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में हत्या के प्रयास, लूट, फिरौती, अपहरण और डकैती से जुड़े 100 से अधिक मामले दर्ज हैं। आपको बता दें कि इस डकैत का आतंक इतना ज्यादा बढ़ गया था कि नागपुर के सांसद हनुमान बेनिवाल ने लोकसभा में यह मामला उठाया था। उन्होंने इस दुर्दांत के एनकाउंटर किये जाने की मांग भी की थी।
चंबल के इस कुख्यात डकैत पर महिलाओं को निर्वस्त्र कर बाजार में घुमाने का आरोप भी लगा था। साल 2019 में 12 जून को धौलपुर जिले के एक गांव में दो महिलाओं से मारपीट कर उन्हें निर्वस्त्र घुमाने के बाद जगन सुर्खियों में आया था। घटना का एक वीडियो भी सामने आया था। इसके बाद से तीन राज्यों की पुलिस चंबल के बीहड़ों में छिपे जगन को तलाश कर रही थी। कहा जाता है कि एनकाउंटर के डर से जगन गुर्जर ने पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया था।