राजस्थान एक सीकर से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक वकील ने पहले खुद को आग लगाई और फिर एसडीएम कोर्ट में जा घुसा। यही नहीं वकील ने एसडीएम को भी गले लगाने की कोशिश की, जिस कारण अधिकारी भी झुलस गए। इस घटना से पूरे परिसर में हड़कंप मच गया, फिर गंभीर हालत को देखते हुए वकील को जयपुर के अस्पताल भेज दिया गया; जहां उसकी मौत हो गई।

जानकारी के मुताबिक, मामला सीकर के खंडेला का है। मृतक की पहचान हंसराज मावलिया के रूप में हुई है, जो कि रानौली थाना क्षेत्र के नांगल अभयपुरा का रहने वाला था। हंसराज मावलिया, पिछले 10 साल से वकालत कर रहा था। वकील ने घटना के पीछे सुसाइड नोट में आरोप लगाया है कि उससे एसडीएम राकेश कुमार, हर सुनवाई के लिए रिश्वत मांगते हैं।

घटना गुरुवार को दोहर करीब 3 बजे घटी, उस वक्त एसडीएम राकेश कुमार अपने दफ्तर में बैठे हुए थे। इसी दौरान वकील ने खुद को आग लगाई और दफ्तर में आ गया, इस दौरान उसने एसडीएम से भी लिपटने का प्रयास किया। ऐसे में एसडीएम ने उसे खुद से दूर धकेल दिया लेकिन उनका हाथ हल्के तौर पर झुलस गया। इस घटना के दौरान वकील ने कोर्ट के कुछ दरवाजे भी बंद कर दिए थे।

एसडीएम कोर्ट में इस घटना के बाद हड़कंप मच गया और फिर विकराल रूप धारण कर चुकी आग को बुझाने के लिए फायर ब्रिगेड बुलानी पड़ी। वकील के एक बैग से सुसाइड नोट, पेट्रोल और कीटनाशक भी बरामद किया गया। नोट में उसने एसडीएम राकेश कुमार के साथ एसएचओ खंडेला घासीराम मीणा पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं।

वकील हंसराज मावलिया ने सुसाइड नोट में लिखा कि एसडीएम राकेश कुमार हर सुनवाई के लिए रिश्वत मांगते हैं। जो भी वकील उन्हें घूस देता है, वह उनके मामलों में स्टे आर्डर पास कर देते हैं; जबकि मेरे साथ पक्षपात करते हैं। वहीं जब मैं इस के खिलाफ आवाज उठाता हूं तो एसएचओ खंडेला घासीराम मीणा मुझे धमकाते हैं। कहते हैं कि एसडीएम से ज्यादा बात की तो जेल भेज दूंगा। हालांकि, एसएचओ ने अपने लगे आरोपों को बेबुनियाद बताया है।