राजस्थान के करौली में मंदिर के पुजारी को कथित तौर से जिंदा जला कर मारने के मामले में अब मृतक के घरवालों ने शव के अंतिम संस्कार से इनकार कर दिया है। घरवालों का कहना है कि जब तक इस मामले के सभी आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया जाएगा वो शव का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे। मृतक पुजारी का शव 2 दिन से रखा हुआ है और घर के लोग शव की अंत्योष्टि ना करने पर अड़े हुए हैं।

मृतक पुजारी बाबूलाल के एक रिश्तेदार ने न्यूज एजेंसी ‘ANI’ से बातचीत के दौरान कहा कि ‘हम चाहते हैं कि 50 लाख रुपया मुआवजा और घर के एक सदस्य को सरकारी नौकरी मिले। सभी आरोपियों को गिरफ्तार किया जाना चाहिए और आरोपियों का समर्थन करने वाले पटवारी और पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए…हम अपनी सुरक्षा की मांग भी करते हैं और जब तक हमारी मांगे पूरी नहीं होती हम बाबूलाल का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे।’

बताया जा रहा है कि पुजारी के शव के साथ परिजनों के अलावा कुछ ग्रामीण भी धऱने पर बैठ गए हैं। धरने पर बैठी 3 महिलाएं बेहोश भी हो गई हैं।

इधर इस मामले में करौली के एसडीएम ओम प्रकाश मीणा ने कहा कि ‘पुजारी के परिजनों ने अपनी मांग सामने रखी है। हम उनकी मांग को राज्य सरकार तक पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं। हमने उनके परिजनों से अनुरोध किया है कि वो शव का अंतिम संस्कार करें…उन्हें मरे हुए 2 दिन हो गए हैं।’

आपको बता दें कि जमीन विवाद में बाबूलाल को जिंदा जलाने का आऱोप कैलाश मीणा और उसके बेटे पर लगा है। इस मामले में पुलिस ने मुख्य आरोपी कैलाश मीणा को गिरफ्तार कर लिया है जबकि एक अन्य आरोपी अभी भी फरार है। इस घटना के बाद मृतक पुजारी के गांव बुकना में तनाव फैल गया था। हालात को संभालने के लिए पुलिस ने पूरी मुस्तैदी दिखाई थी।

इस मामले में पुलिस ने घटनास्थल पर जाकर कई सबूत भी जुटाए थे। इस मामले में मृतक बाबूलाल के रिश्तेदार रामाकांत शर्मा ने कहा था कि पुलिस ने इस मामले में सिर्फ एक आरोपी को ही पकड़ा है। जबकि आरोपी का पूरा परिवार इस हत्याकांड में शामिल है।

उन्होंने कहा कि इस मामले में लापरवाही बरतने वाले पुलिस अधिकारियों को सस्पेंड करना चाहिए। साथ ही साथ उन्होंने यह भी धमकी दी थी कि अगर पुलिस ने इस मामले में कड़ी कार्रवाई नहीं की तो ब्राह्रण समाज इसके खिलाफ प्रदर्शन करेगा।