राजस्थान के बूंदी जिले से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां दबंगों ने एक मजदूर को 30 घंटे से ज्यादा तक भूखा रखा और जंजीरों से बांधकर मवेशियों के बाड़े में फेंक दिया और लोहे की रॉड से पिटाई भी की थी। घटना एक हफ्ते पुरानी है लेकिन मामला तब सामने आया जब पीड़ित ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। अब केस के संबंध में पुलिस फरार सभी छह आरोपियों की तलाश में छापेमारी कर रही है।

राजस्थान के बूंदी जिले से सामने आये इस मामले में दर्ज प्राथमिकी के अनुसार, पीड़ित राधेश्याम मेघवाल बूंदी जिले के बिलुबा गांव का निवासी है। राधेश्याम मेघवाल, मुख्य आरोपी परमजीत सिंह के यहां एक हली मजदूर (मजदूर के रूप में अनौपचारिक सालाना काम करने का करार) के रूप में काम कर रहा था, जिसका उल्लंघन करने पर उसके साथ मारपीट की गई थी।

इस केस के जांच अधिकारी पुलिस उपाधीक्षक शंकर लाल मीणा ने कहा कि “मामले के छह आरोपी फिलहाल फरार हैं और हमने उनकी तलाश के लिए टीमों का गठन किया है। प्रारंभिक जांच से पता चला है कि मेघवाल को एक मवेशियों के बाड़े में जंजीरों में बांधकर रखा गया था। मेघवाल की शिकायत के आधार पर दर्ज प्राथमिकी में कहा गया है कि, “उसके (मेघवाल) पास कोई जमीन या संपत्ति नहीं है, ऐसे में वह बंधुआ मजदूर के रूप में काम करने के लिए मजबूर है।

राधेश्याम मेघवाल के मुताबिक, तीन साल पहले मैंने अल्फा नगर निवासी परमजीत सरदार के लिए एक हली मजदूर के रूप में काम करना शुरू किया था। परमजीत ने मुझे मई 2019 से अप्रैल 2020 तक 12 महीने तक हली बनाकर रखा। मुझे अपनी बहन की शादी के लिए पैसों की जरूरत थी। मैंने 12 महीने की मजदूरी के लिए 70,000 रुपये और परमजीत से 30,000 रुपये कर्ज के रूप में लिए थे।

मेघवाल के मुताबिक, उसने परमजीत के खेत में 24 घंटे काम किया और छह महीने तक पशुपालन का काम देखा। इस दौरान, लगातार काम के कारण वह बीमार पड़ गया और उसे नौकरी छोड़नी पड़ी। प्राथमिकी में कहा गया है कि इसके बाद, परमजीत ने मेघवाल से 1 लाख 10 हजार रुपये की मांग करना शुरू कर दिया। ऐसे में मेघवाल ने दूसरी जगह मजदूर के रूप में काम करने के बाद उसे 25,000 रुपये दे दिए।

मेघवाल ने शिकायत में बताया कि परमजीत ने इस रकम में 3 प्रतिशत ब्याज जोड़ना शुरू कर दिया और साल 2021 में, परमजीत ने उससे जबरन ब्याज सहित रकम ले भी ली। इसके बाद, बिना कोई पैसा दिये उससे 10 दिनों तक गेहूं की कटाई भी कराई गई। बीते दिनों 22 मई को, परमजीत, उनके छोटे भाई और उनके चार दोस्तों ने मुझे जातिसूचक शब्दों के साथ गाली दी और फिर परमजीत के घर पर मुझे बंधक बना लिया गया। दबंगों ने मेघवाल को 30 घंटे से ज्यादा तक भूखा रखा और जंजीरों से बांधकर मवेशियों के बाड़े में फेंक दिया। फिर लोहे के रॉड से उसे मारा भी गया।