Mobile Snatching Gang Busted: छत्तीसगढ़ के रायपुर पुलिस ने एक अंतरराज्यीय मोबाइल चोरी और ऑनलाइन धोखाधड़ी गिरोह का पर्दाफाश किया है। NDTV की रिपोर्ट के अनुसार यह गिरोह 12 भारतीय राज्यों में अपराध को अंजाम देता था। गिरोह के सरगना समेत चार आरोपियों को झारखंड और पश्चिम बंगाल से गिरफ्तार किया गया है। यह गिरोह भीड़-भाड़ वाले इलाकों और ट्रेनों को निशाना बनाकर मोबाइल फोन चोरी करने का एक सुगठित, हाई-टेक्नोलॉजी नेटवर्क चलाता पाया गया।
भीड़भाड़ वाले बाजार में छीन लिया था फोन
रिपोर्ट के मुताबिक यह घटना तब सामने आई जब स्थानीय निवासी गोविंद राम वाधवानी ने 22 जून को तेलीबांधा पुलिस स्टेशन में लोगों से खचाखच बाजार में अपना मोबाइल फोन चोरी होने की शिकायत दर्ज कराई। चोरी के तुरंत बाद, फोनपे जैसे यूपीआई ऐप का इस्तेमाल करके उनके खाते से 1.85 लाख रुपये की धोखाधड़ी भी की गई थी।
झारखंड के देवा उर्फ देव कुमार महतो (28) के नेतृत्व में यह गिरोह बेरोजगार युवाओं को मोबाइल चोरी करने के लिए ट्रेनिंग देता था और उन्हें 25,000 रुपये प्रति माह सैलरी का लालच भी देता था। ये अपराधी रायपुर में एक किराए के मकान से काम करते थे और भीड़-भाड़ वाले पब्लिक प्लेस में चोरी की वारदातों को अंजाम देते थे।
पुलिस के अनुसार, यह गिरोह तीन स्पेशल ग्रुप में काम करता था : पहला ग्रुप मोबाइल फ़ोन चुराता था, दूसरा UPI ऐप के ज़रिए पैसे ट्रांसफर करता था, और तीसरा एटीएम से पैसे निकालकर कमीशन काटकर उन्हें दूसरे लोगों में बांट देता था। पैसों का लेन-देन अक्सर कोलकाता और झारखंड तक होता था।
इन धाराओं के तहत मामला दर्ज
रिपोर्ट के मुताबिक जांच के दौरान, रायपुर पुलिस की 10 सदस्यीय टीम झारखंड और कोलकाता गई। श्रावण मास के कारण कांवड़ यात्रियों का वेश धारण करके, उन्होंने गिरोह के सदस्यों का सफलतापूर्वक पता लगाया और उन्हें गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार अपराधियों में शामिल हैं: देव कुमार महतो (28) – गिरोह का सरगना, साहेबगंज, झारखंड, कन्हैया कुमार मंडल (22) – साहेबगंज विष्णु कुमार मंडल (22) – साहेबगंज और ओम प्रकाश ठाकुर (31) – कोलकाता, धोखाधड़ी से पैसे निकालने का काम करता था।
पुलिस ने आरोपियों के पास से तीन मोबाइल फ़ोन, दो सिम कार्ड और 40-50 क्यूआर कोड बरामद किए। इनसे करोड़ों के लेन-देन से जुड़ी वित्तीय धोखाधड़ी और बिहार, महाराष्ट्र, दिल्ली, गुजरात और तमिलनाडु सहित 12 राज्यों में गिरोह की गतिविधियों के सबूत मिले। गुढ़ियारी और तेलीबांधा पुलिस थानों में आईपीसी की धारा 303(2), 134 बीएनएस और संगठित अपराध से संबंधित संबंधित कानूनों के तहत मामले दर्ज किए गए हैं।
बता दें कि इस मामले में छह और आरोपियों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है और आगे की जांच जारी है। इस ऑपरेशन की सफलता में थाना प्रभारी नरेंद्र मिश्रा, साइबर यूनिट प्रभारी परेश पांडे, एसआई मुकेश सोरी और रायपुर पुलिस व एंटी क्राइम टीम के अन्य अधिकारियों की महत्वपूर्ण भूमिका रही।