पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता साधु सिंह धर्मसोत को विजिलेंस ब्यूरो ने भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार किया है। वह कैप्टन अमरिंदर सिंह कैबिनेट में पंजाब के वन और समाज कल्याण मंत्री थे। साधु सिंह धर्मसोत पर पेड़ों की कटाई में कमीशन लेने का भी आरोप है।
मंत्री पर हैं ये आरोप: साधु सिंह धर्मसोत के खिलाफ आरोपों में पंजाब में वन मंत्री के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान पेड़ों को काटने की अनुमति देने के लिए रिश्वत लेना शामिल है। विकास परियोजनाओं को अंजाम देने के लिए पेड़ों को काटे जाने पर ठेकेदारों द्वारा उन्हें कथित तौर पर प्रति पेड़ 500 रुपये का भुगतान किया गया था। इसके अलावा, साधु सिंह पर दलित छात्रवृत्ति योजनाओं में करोड़ों रुपये के घोटाले का मास्टरमाइंड होने का भी आरोप लगाया गया है।
DFO ने किया खुलासा: एचटी की रिपोर्ट के मुताबिक, विजिलेंस ब्यूरो के एक अधिकारी ने कहा कि पिछले हफ्ते डीएफओ व एक अन्य व्यक्ति हरमिंदर सिंह हम्मी की गिरफ्तारी के बाद ब्यूरो ने पूर्व मंत्री के खिलाफ कई सबूत एकत्र किए थे। बताया जा रहा है कि हम्मी ही वह शख्स है, जिसके बारे में कहा जाता है कि उसने धर्मसोत को भारी रिश्वत दी थी। डीएफओ ने पूछताछ में बताया है कि एक पेड़ काटने पर भी मंत्री रिश्वत लेते थे।
मंत्री तक ऐसे पहुंचता था पैसा: जांच एजेंसी के मुताबिक, डीएफओ ने यह भी बताया कि मंत्री धर्मसोत को कैसे एक पेड़ काटने से पहले रिश्वत दी जाती थी। सूत्रों की मानें तो हरमिंदर सिंह हम्मी, कमलजीत के जरिए धर्मसोत को रिश्वत दे रहा था। साधु सिंह धर्मसोत मंत्री पद पर रहते हुए पेड़ों की कटाई में अधिकारियों से कमीशन लेते थे। वह विकास कार्यों के नाम पर काटे जाने वाले प्रति पेड़ पर पांच सौ रुपये कमीशन लेते थे। यह कमीशन ठेकेदार से वन अधिकारी लेते थे, जो कि आगे मंत्री को दिया जाता था।
पहले भी लग चुका है आरोप: साधु सिंह पर दलित छात्रवृत्ति योजनाओं में करोड़ों रुपये के घोटाले का मास्टरमाइंड होने का भी आरोप लगाया गया है। गौरतलब है कि कैप्टन अमरिंदर के कार्यकाल के दौरान एक आईएएस अधिकारी कृपा शंकर सरोज ने एक छात्रवृत्ति घोटाले में साधु को आरोपित किया था, लेकिन पूर्व मंत्री को “क्लीन चिट” दे दी गई थी।