बिहार के जहानाबाद में ओकरी थाना की पुलिस ने एक 20 साल के लड़के को सिर्फ इसलिए गोली मार दी थी क्योंकि उसने हलेमेट नहीं पहना था। यह घटना आज से करीब 45 दिन पहले 28 मार्च की है। लड़के का नाम सुधीर है। वह गोली लगने के बाद से ही मौत से जंग लड़ रहा था। उसे बचाने के लिए परिवार के लोगों ने जी जान लगा दिया था मगर गुरुवार को वह अपनी जिंदगी की जंग हार गया। अस्पताल में उसकी मौत हो गई। इसके साथ ही एक परिवार के घर का चिराग बुझ गया, क्योंकि वह अपने घर की इकलौती संतान था।
45 दिन पहले दोराग ने मारी थी गोली
45 दिनों पहले बिहार पुलिस का यह खौफनाक चेहरा देखकर हर कोई हैरान था। जब एक दरोगा ने निर्दोष सुधीर को सिर्फ इसलिए गोली मार दी थी क्योंकि उसने हेलमेट नहीं लगाया था। किसी को यकीन नहीं हुआ कि बिहार पुलिस ऐसा भी कर सकती है। भला हेलमेट ना लगाने की वजह से किसी को गोली कैसे मारी जा सकती है? इस घटना के बाद खूब हंगामा हुआ था और गोली मारने वाले दरोगा के खिलाफ भी कार्रवाई हुई थी।
हेलमेट ना पहनने के जुर्म में मारी गोली
असल में 28 मार्च को ओकरी थाना क्षेत्र में पुलिस गाड़ियों की चेकिंग कर रही थी। उसी समय सुधीर मोटरसाइकिल से बंधुगंज बाजार जा रहा था। सुधीर ने उस वक्त हेलमेट नहीं पहना था। वह पुलिस को देखकर घबरा गया। इसलिए वह वहां से भागने लगा। उसी वक्त दरोगा मुमताज ने आलम ने पीछे से सुधार को गोली मार दी। गोली लगने के बाद भी सुधीर कुछ दूर भागता रहा मगर कुछ देर आगे जाने के बाद वह गिर गया।
इसके बाद सुधीर का इलाज पटना के एक प्राइवेट अस्पताल में चल रहा था मगर 45 दिनों बाद उसकी मौत हो गई। इसके साथ ही परिवार वालों की उम्मीद टूट गई। सुधीर अपनी घर की इकलौती संतान था। उसके इस तरह दुनिया छोड़ जाने से परिवार के लोग सदमे में हैं। वे कुछ भी कर लें अब उनका बेटा तो उन्हें मिल नहीं सकता।
परिजनों का टूट गया दिल
इस मामले में आरोपी दरोगा समेत कुल पांच लोगों को निलंबित कर दिया गया था। वहीं गोली मारने वाले दरोगा मुमताज को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था, वह अभी भी जेल में ही है। सुधीर के इस तरह दुनिया छोड़ जाने से उसका परिजनों को बुरा हाल है। उन्हें अभी भी यकीन नहीं हो रहा है कि उनका बेटा अब इस दुनिया में नहीं है। पिछले 45 दिनों से वे उसके ठीक होने की आस लगाए बैठे थे जो अब टूट चुकी है। उनके दिल पर जो बीत रही है उसका हम और आप अंदाजा भी नहीं लगा सकते हैं।