Madhya Pradesh : मध्य प्रदेश के इंदौर में एक निजी फार्मेसी कॉलेज की 54 वर्षीय प्रिंसिपल ने अपने पूर्व छात्र द्वारा जलाए जाने के पांच दिन बाद शनिवार तड़के एक स्थानीय अस्पताल में दम तोड़ दिया।
सिमरोल थाना क्षेत्र स्थित बीएम कॉलेज ऑफ फार्मेसी की प्रिंसिपल 54 वर्षीय विमुक्ता शर्मा को 20 फरवरी को एक पूर्व छात्र आशुतोष श्रीवास्तव द्वारा पेट्रोल डालकर बुरी तरह जला दिया गया था और वे तभी से अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच झूल रही थीं। महिला प्राचार्य को जलाने वाले पूर्व छात्र को घटना वाले दिन ही गिरफ्तार कर लिया गया था।
क्या था मामला ?
इस मामले के बाद पुलिस अधीक्षक (देहात) भगवत सिंह ने बताया था कि विमुक्ता शर्मा करीब 80 प्रतिशत जल गई थी और उन्हें एक अस्पताल में भर्ती (Hospitalised) कराया गया था।
इस मामले में पुलिस आरोपी को मानसिक तौर पर पूरी तरह स्वस्थ बता रही है। इससे पहले पूर्व छात्र से शुरुआती पूछताछ के बाद पुलिस ने वारदात की वजह बताते हुए कहा था कि उसने बीफार्मा की परीक्षा जुलाई 2022 में उत्तीर्ण की थी। लेकिन उसे मार्कशीट नहीं मिल पा रही थी।
उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन ने जघन्य अपराध की साजिश रचने और उसे अंजाम देने के लिए श्रीवास्तव के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) लगाया है। पुलिस अधिकारी के अनुसार, आरोपी पर पहले हत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया गया था।
लेकिन अब प्रधानाध्यापक की मौत के बाद प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) में हत्या का आरोप जोड़ा जा रहा है। विर्दे ने कहा कि श्रीवास्तव ने पूछताछ के दौरान पुलिस को बताया कि बी एम कॉलेज के अधिकारी बीफार्मा परीक्षा की मार्कशीट नहीं सौंप रहे थे। जिसे उन्होंने जुलाई 2022 में पास किया था।
हालांकि, कॉलेज प्रबंधन ने श्रीवास्तव के दावे को झूठा बताया और आरोप लगाया कि वह आपराधिक प्रवृत्ति के हैं। कॉलेज के अधिकारियों ने यह भी दावा किया कि बार-बार उसकी मार्कशीट लेने के लिए कहने के बावजूद उसने दस्तावेज नहीं लिए।