हर तीन में से एक महिला के पास आपत्तिजनक और गंदे एसएमएस व फोन कॉल्स जाते हैं, जबकि देश की राजधानी नई दिल्ली में हफ्ते भर में ऐसे मामलों की सबसे ज्यादा शिकायतें होती हैं। ये बातें हाल ही में मोबाइल ऐप्लीकेशन ट्रू कॉलर के एक सर्वे में सामने आईं। फरवरी, 2019 में इप्सॉस रिसर्च के साथ हुए पोल में पाया गया कि 52 फीसदी महिलाओं के पास हफ्ते में कम से कम एक बार ऐसी कॉल्स व मैसेज पहुंचे थे, जबकि 47 प्रतिशत के पास भद्दे वीडियो और तस्वीरें सेंड की गईं।
हालांकि, पिछले साल के सर्वे के मुकाबले इस बार आंकड़ों में गिरावट आई है। 2018 में 78 प्रतिशत महिलाओं के पास एक हफ्ते में ऐसे कॉल्स व आपत्तिजनक मैसेज आते थे, जबकि 82 फीसदी को घटिया किस्म के वीडियो और तस्वीरें भेजी गईं थीं।
ताजा सर्वे के मुताबिक, दिल्ली में रहने वाली 28 महिलाओं के पास ऐसे घटिया कॉल्स व एसएमएस हर हफ्ते पहुंचते हैं। वहीं, बीते साल के सर्वे में सबसे अधिक शिकायतें (आपत्तिजनक मैसेज-कॉल्स) राजस्थान की राजधानी जयपुर से आईं। वहां की 90 फीसदी महिलाओं ने कहा कि उन्हें हर हफ्ते ऐसे गंदे और भद्दे कॉल्स आते थे।
2019 के सर्वे में कुल 14 शहरों से 2,150 महिलाओं को शामिल किया गया। इनकी उम्र 15-35 साल के बीच है। पोल में 78 फीसदी महिलाओं का कहना था कि उन्हें इन भद्दे और घटिया फोनकॉल्स और मैसेज पर गुस्सा या खीज आती है। वहीं, 37 महिलाओं की राय थी कि वे इन कॉल्स व मैसेजेस से फंसा हुआ, चिंतित और डरा महसूस करती हैं।
रोचक बात है कि सर्वे में 53 प्रतिशत महिलाओं ने यह भी कहा कि उनके पास फर्जीवाड़ा करने वालों के फोन आए, जो कि बातों में बहला-फुसलाकर उनसे निजी और संवेदनशील जानकारी ऐंठने की कोशिश करते हैं। साथ ही नौ फीसदी महिलाओं ने बताया कि फर्जी फोनकॉल्स से उनका सामाना लगभग रोजाना ही होता है।
आगे 74 प्रतिशत महिलाओं ने यह भी बताया कि उन्होंने इस प्रकार के कॉल्स व मैसेजेज के खिलाफ कदम उठाया था। मसलन उन्होंने कॉल करने वालों के नंबर ब्लॉक कर दिए, डू नॉट डिस्टर्ब (डीएनडी) सेवा एक्टिव कर ली और सोशल मीडिया पर जिम्मेदार अधिकारियों को इस बारे में सूचना दी।

