Written by Sujit Bisoyi
ओडिसा के केंद्रपाड़ा जिले में इन दिनों ब्राह्मणी नदी के आसपास के इलाके में मगरमच्छ के हमले का आतंक बना हुआ है। अग्निशमन सेवा कर्मियों (Fire brigade) और ग्रामीणों ने शुक्रवार को केंद्रपाड़ा जिले के पट्टामुंडई ब्लॉक में ब्राह्मणी नदी में एक मगरमच्छ द्वारा खींचे गए 55 साल के व्यक्ति के शरीर के टुकड़े बरामद किए। मृतक की पहचान कुलसाही गांव के अमूल्य दास के रूप में की गई है। वह गुरुवार रात करीब साढ़े आठ बजे शौच के लिए नदी के किनारे गया था।
45 दिनों में केंद्रपाड़ा जिले में मगरमच्छ के हमले का यह चौथा मामला
पिछले 45 दिनों में केंद्रपाड़ा जिले में मगरमच्छ के हमले का यह चौथा मामला है। केंद्रपाड़ा जिला स्थित भितरकनिका राष्ट्रीय उद्यान में बड़ी संख्या में लुप्तप्राय मुहाने या खारे पानी के मगरमच्छ रहते हैं। इस साल जनवरी में आयोजित वार्षिक सरीसृप जनगणना के अनुसार, भितरकनिका राष्ट्रीय उद्यान और आसपास का क्षेत्र 1,793 खारे पानी के मगरमच्छों का घर है।
गांव के लोगों और अग्निशमन सेवा कर्मियों ने चलाया बचाव अभियान
गुरुवार की रात चीख-पुकार सुनने के बाद स्थानीय लोग नदी तट की ओर दौड़े और पीड़ित की तलाश शुरू कर दी। अग्निशमन सेवा कर्मियों ने भी बचाव अभियान चलाया और कई घंटों की खोज के बाद आखिरकार अमूल्य दास का कटा हुआ सिर बरामद किया। इससे पहले 29 जून को पट्टामुंडई ब्लॉक के घागराडीहा गांव के 56 वर्षीय गंगाधर तराई को एक खतरनाक मगरमच्छ ने खींच लिया था। वह अपने गांव के पास एक पानी के सोते में नहा रहे थे। इसी दौरान मगरमच्छ ने उन पर हमला कर दिया था।
भितरकनिका राष्ट्रीय उद्यान क्षेत्र के बाहर हुईं सारी घटनाएं, फैली दहशत
वैसे ही 21 जून को राजनगर ब्लॉक के हटियागाड़ी गांव की 40 साल की सीतारानी दास की गांव के तालाब में बर्तन धोते समय मगरमच्छ के हमले से मौत हो गई। इसी तरह नीमपुर गांव के एक छात्र आशुतोष आचार्य जब अपनी मां के साथ ब्राह्मणी नदी में स्नान कर रहे थे तभी एक मगरमच्छ ने उन दोनों पर झपट्टा मार दिया। मां किसी तरह बच गई और बाद में बचाव दल ने लड़के का क्षत-विक्षत शव बरामद किया। ये सभी घटनाएं बड़े पैमाने पर भितरकनिका राष्ट्रीय उद्यान क्षेत्र के बाहर हुई हैं। इससे स्थानीय लोगों में दहशत फैल गई है।
ग्रामीणों ने प्रशासन पर शिकायत के बावजूद कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगाया
एक ग्रामीण ने कहा, “दुर्घटनाएँ आम तौर पर तब होती हैं जब लोग जानवरों के आवास क्षेत्र में प्रवेश करते हैं। उच्च ज्वार के कारण मगरमच्छ गांव की नहर में घुस गए और ग्रामीणों पर हमला कर दिया। कई शिकायतों के बावजूद प्रशासनिक तौर पर कोई कार्रवाई नहीं की गई।” वन अधिकारियों ने भितरकनिका राष्ट्रीय उद्यान क्षेत्र के किनारे महुलिया गांव में एक नहर से खारे पानी के 13 फीट के नर मगरमच्छ को बचाया और उसे जंगल में अंदर जाकर छोड़ दिया।
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मगरमच्छ के हमले से पीड़ित लोगों के परिजनों को 6 लाख रुपये का मुआवजा
प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) एसके पोपली ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया, “हम दुर्घटनाओं को रोकने के लिए जागरूकता कार्यक्रम बना रहे हैं। हमने स्नान घाटों पर बाड़ लगाने के लिए भी कदम उठाए हैं ताकि सरीसृप (मगरमच्छ) आवासीय क्षेत्र में प्रवेश न कर सकें।” उन्होंने कहा कि मगरमच्छ के हमले से पीड़ित लोगों के परिजनों को राज्य सरकार की ओर से 6 लाख रुपये का मुआवजा मिलेगा।
