उत्तर प्रदेश के नोएडा के जिला अस्पताल में पांच साल की बच्ची को समय पर इलाज नहीं मिला तो उसने दम तोड़ दिया। आरोप है कि बच्ची को गोद में लेकर उसके पिता एक डॉक्टर से दूसरे डॉक्टर के पास चक्कर काटते रहे लेकिन कोई इलाज करने को तैयार नहीं हुआ। इमरजेंसी से उसे ओपीडी में भेज दिया गया। ओपीडी में डॉक्टर ने शुरुआती इलाज करने के बजाए उसे एक्सरे कराने के लिए भेज दिया।

पुलिस मामला शांत कराया: लंबी लाइन से जूझते हुए पिता ने किसी तरह एक्सरे की रिपोर्ट लेकर पहुंचा तो फिर उसे लाइन में खड़ा होना पड़ा। इसी दौरान बिना इलाज के तीन घंटे बीत गए। जब बच्ची का नंबर आया तो डॉक्टर अपने चैंबर से चले गए। बच्ची के लिए इंतेजार इतना लंबा हो गया कि बच्ची ने पिता की गोद में ही अपना दम तोड़ दिया। इस घटना के बाद पीड़ित नाराज होकर हंगामा करने लगा। पीड़ित पक्ष के हंगामे की सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने लोगों को शांत कराया।

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बुखार और सर्दी से परेशान थी बच्ची: सेक्टर 49 बरौला निवासी विनीत वाल्मीकि नोएडा अथॉरिटी में सफाईकर्मी हैं। बुखार और सर्दी से परेशान बच्ची को इलाज के लिए मंगलवार सुबह अस्पताल लेकर पहुंचे थे। यहां सुबह 8 बजे ओपीडी में 151 नंबर के कमरे में डॉक्टर को दिखाया। विनीत ने बताया कि डॉक्टर ने इलाज शुरु करने से पहले ही एक्सरे कराने भेज दिया था। वहां भी लंबी लाइन लगी थी।

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फेफड़े में खराबी की वजह से हुई मौत: कड़ी मशक्कत के बाद एक्सरे रिपोर्ट लेकर दोबारा डॉक्टर के पास पहुंचे। 2 घंटे लाइन में लगने और इंतजार के बाद डॉक्टर अपने चैंबर में नहीं मिले तो इमरजेंसी में ले गए। वहां लाइन में लगे थे, तभी बच्ची ने दम तोड़ दिया। डॉक्टर ने एक्सरे रिपोर्ट के आधार पर बच्ची के फेफड़े में खराबी को मौत की वजह बताया था।