उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले से सेना में भर्ती होने के लिए तैयारी कर रहे युवाओं के फर्जी दस्तावेज बनाने और उनके सत्यापन में मदद करने के मामले में पुलिस ने एक सेवानिवृत्त आर्मीमैन और दो अन्य को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने बताया कि आदेश कुमार, लव कुमार और प्रमोद कुमार ने कथित तौर पर उनसे सेना में शामिल पैसे मांगे थे। पुलिस ने कहा कि आदेश 2016 में हवलदार के पद से सेना से सेवानिवृत्त हुआ था और कथित तौर पर उसी साल इस घोटाले की शुरुआत की।
फर्जी दस्तावेज को तैयार करते थे: गौतमबुद्धनगर के एसएसपी वैभव कृष्ण ने कहा कि सेना में भर्ती कराने के लिए फर्जी दस्तावेज तैयार करने जैसे निवास प्रमाण पत्र, मेडिकल सर्टिफिकेट तैयार कराना आदि शामिल था, ताकि लोगों को विभिन्न क्षेत्रों से भर्ती किया जा सके। आरोपी बुलंदशहर में एक कोचिंग सेंटर चलाता था, जिसके माध्यम से लोगों को पता चलता था कि उन्होंने क्या ऑफर किया है। हमने सेना के अधिकारियों के साथ जानकारी साझा की है और विवरण का पता लगा रहे हैं।
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पुलिस अधिकारियों के संपर्क में थे आरोपी: पुलिस ने बताया कि आरोपियों ने सेना के तैयारी कर रहे युवाओं के लिए बुलंदशहर में ट्यूशन क्लास खोली थी। जहां सेना में भर्ती होने के लिए तैयारी कराई जाती थी। आरोपी पहले इस ट्यूशन में एडमिशन लेनें की पेशकश करते थे और फिर उन्हें फर्जी दस्तावेजों के आधार पर भर्ती कराने के नाम पर पैसे लेते थे। जांच के दौरान पता चला कि यह आरोपी कुछ पुलिस अधिकारियों के संपर्क में भी थे। आरोपियों ने उम्मीदवारों की ऊंचाई, वजन आदि के बारे में फर्जी मेडिकल दस्तावेज भी तैयार करते थे।
5-7 लाख रुपये भर्ती के लिए लेते थे: पुलिस के अनुसार,आरोपी फर्जी कागजात तैयार करने के लिए 5-7 लाख रुपये लेते, जिसके बाद आरोपी उम्मीदवार को फिजिकल, चिकित्सा और सत्यापन प्रक्रिया की जिम्मेदारी लेता था। इसके लिए वे कथित तौर पर भर्ती प्रक्रिया में शामिल स्थानीय सेना अधिकारियों के साथ संपर्क में रहते थे। पुलिस ने कहा कि सेना के दो हवलदार सहित छह अन्य आरोपी फरार हैं। पुलिस मुताबिक, पिछले तीन सालों में 100 से अधिक लोगों की भर्ती फर्जी दस्तावेजों के आधार पर हुई हैं।