टेरर फंडिंग के मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी यानी (NIA) ने कई बड़ी शख्सियतों पर अब तक शिकंजा कसा है। लेकिन अब टेरर फंडिग को लेकर खुद NIA के तीन अफसर भी जांच के घेरे में आ गए हैं। इसमें एक एसपी स्तर के अधिकारी भी शामिल हैं। एनआईए के इन तीन बड़े अफसरों पर आरोप है कि उन्होंने आतंकियों को पैसे देने के मामले में नाम नहीं घसीटने के लिए दिल्ली के एक व्यापारी को ब्लैकमेल कर उसने 2 करोड़ रुपए लिए।
इकोनॉमिक्स टाइम्स में छपी रिपोर्ट के मुताबिक करीब एक महीने पहले जांच एजेंसी को एसपी और तीन अन्य जूनियर अफसरों के खिलाफ एक शिकायत मिली थी। उस वक्त यह तीनों अफसर पाकिस्तान आधारित कुख्यात आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैय्यबा के चीफ हाफिज सईद द्वारा चलाए जा रहे एक फाउंडेशन Falah-i-Insaniyat Foundation (FIF) की जांच कर रहे थे।
3 अफसरों के खिलाफ शिकायत मिलने के बाद एनआईए ने इस मामले की गंभीरता से जांच शुरू कर दी है। शुरुआती तौर पर इन तीनों अफसरों का एनआईए से ट्रांसफर कर दिया गया है। एनआईए में डीआईजी रैंक के अधिकारी इस मामले की जांच कर रहे हैं। जांच पूरी होने के बाद ही इस मामले में एनआईए आगे की कार्रवाई करेगी।
बता दें कि एनआईए के जिस एसपी पर टेरर फंडिंग के मामले में पैसे उगाही करने के गंभीर आरोप लगे हैं वो इससे पहले साल 2007 में हुए समझौता ब्लास्ट केस के मुख्य जांच अधिकारी भी रह चुके हैं। जांच एजेंसी की एक टीम ने एक शख्स से इस मामले में शुरुआती पूछताछ भी की है। माना जा रहा है कि यह शख्स भी उगाही के इस रैकेट में शामिल था।
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आपको बता दें कि तीनों अफसरों का एनआईए से ट्रांसफर कर दिए जाने का यह मतलब कतई नहीं है कि इन तीनों अफसरों की संलिप्ता इस मामले में है। अभी इस पूरे मामले की जांच चल रही है और जांच पूरी होने के बाद ही मामले को लेकर कुछ कहा जा सकता है। इस मामले में बिजनेसमैन, एसपी और अन्य पुलिस अफसरों के नाम गुप्त रखे गए हैं ताकि किसी तरह से जांच को प्रभावित ना किया जा सके। (और…CRIME NEWS)

