एनआईए ने सोमवार (15 जुलाई) को सऊदी अरब की तरफ से भारत को सौंपे गए 14 लोगों को गिरफ्तार किया है। इन सभी पर तमिलनाडु में कथित तौर पर एक आतंकी संगठन स्थापित करने की कोशिश करने का आरोप है। इस संगठन का नाम अंसारुल्ला बताया जा रहा है। पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक इन सभी को पूनमल्ली की एनआईए कोर्ट में विशेष न्यायाधीश सेंथुर पांडियन के समक्ष पेश किया गया।
सुनवाई के बाद कोर्ट ने सभी आरोपियों को 25 जुलाई तक एजेंसी की हिरासत में भेज दिया। इन पर आरोप है कि ये सभी तमिलनाडु में आतंकी संगठन की स्थापना के लिए पैसे जुटा रहे थे। एनआईए के मुताबिक शनिवार (13 जुलाई) को उसने इस मामले में हसन अली और हरीश मोहम्मद नाम के दो लोगों को गिरफ्तार किया था।
एजेंसी ने कहा कि उसने एक ऐसे गैंग का पर्दाफाश किया है जो कथित तौर पर भारत में इस्लामिक शासन स्थापित करने के मकसद से आतंकी हमले अंजाम देना चाहता था। इसके लिए षड्यंत्र रचने, पैसे जुटाने समेत कई तरह की तैयारियां चल रही थीं। एनआईए ने नागपट्टिनम इनके ठिकानों पर सर्च ऑपरेशन भी चलाया।
विश्वसनीय सूत्रों के मुताबिक आरोपियों ने भारत सरकार के खिलाफ जंग छेड़ने के लिए अंसारुल्ला की स्थापना की कोशिश की थी। 9 जुलाई 2019 को चेन्नई के रहने वाले सैयद बुखारी और नागपट्टिनम के रहने वाले हसन अली और मोहम्मद युसुफुद्दीन हरीश के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की कई धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया था। इनके खिलाफ गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत आतंक फैलाने का आरोप दर्ज किया गया है।
जांच के दौरान एनआईए ने नौ मोबाइल फोन, 15 सिम कार्ड्स, 7 मेमोरी कार्ड्स, 3 लैपटॉप, 5 हार्ड डिस्क, 6 पेन ड्राइव, 2 टैबलेट, 3 डीवीडी के अलावा दस्तावेज, मैगजीन्स, बैनर, नोटिस, पोस्टर और कई किताबें भी जब्त कीं।
