राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने गुजरात के गोधरा से गितेली इमरान नाम के एक युवक को गिरफ्तार किया है। आरोप है कि गितेली इमरान भारत की जासूसी करता था और वो पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI को देश की सुरक्षा से संबंधित गोपनीय जानकारियां लीक करता था। एनआईए की तरफ से बताया गया है कि अंतराष्ट्रीय जासूसी रैकट के तहत पाकिस्तान के जासूस भारत में अपने कुछ एजेंट की भर्ती करते हैं। यह एजेंट भारतीय नवल शिप और सबमैरिन की गतिविधियों से संबंधित जानकारियां इकट्ठा कर ISI को देते हैं और देश की सुरक्षा में सेंध लगाते हैं।
बताया जा रहा है कि 37 साल के गितेली इमरान को सोमवार को एनआईए ने गिरफ्तार किया है। उसपर भारतीय दंड संहिता की कई धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है। गितेली के बारे में बताया जा रहा है कि वो Visakhapatnam Espionage Case का मुख्य आरोपी है।
एनआईए की अब तक की जांच में एक और गंभीर बात यह सामने आई है कि नेवी के कुछ कर्मचारी भी पाकिस्तानी एजेंटों के संपर्क में आए थे। पाकिस्तानी एजेंटों से संपर्क फेसबुक, व्हाट्सऐप जैसे सोशल मीडिया के जरिए किया गया है। इन लोगों ने पैसों की लालच में कुछ जानकारियां भी इन पाकिस्तानी एजेंटों को दी है।
एनआईए ने मंगलवार को बताया कि सूचना देने के बदले में ISI की तरफ से नेवी कर्मचारियों के बैंक खाते में पैसे भी डाले गए हैं। गितेली इमरान के बारे में बताया जा रहा है कि वो बॉर्डर के पास कपड़ों का व्यापार करता था और यहीं पर वो पाकिस्तानी जासूसों के संपर्क में आया।
पाकिस्तानी जासूसों के निर्देश पर वो भारतीय नेवी कर्मचारियों के खाते में पैसे डाला करता था। इसके बदले में वो उनसे कई सरकारी जानकारियां हासिल करता था। एनआईए की टीम ने गितेली इमरान के घर पर भी छापेमारी की है। इस छापेमारी के दौरान कुछ डिजिटल डिवाइस बरामद किये गये हैं, जिससे टीम को अहम सुराग मिलने की उम्मीद है।
एनआईए ने जानकारी दी है कि इस मामले में 14 आरोपियों के खिलाफ पहले से ही चार्जशीट फाइल की जा चुकी है और आगे की जांच की जा रही है।
