नेपाल से 11 भारतीयो को पूरे एक महीने बाद मुक्त करवाया गया है। इन सभी भारतीयों को नेपाल में भयंकर टॉर्चर झेलना पड़ा, उनसे बड़े स्तर पर मजदूरी भी करवाई गई। असल में एक रैकेट के तहत इन सभी भारतीयों को अमेरिका जाने का सपना दिखाया गया। उसी वजह से ये सभी पहले नेपाल पहुंचे, लेकिन वहां जाते ही उन्हें कैद कर लिया गया।
नेपाल पुलिस ने ही इस मामले का पता भी लगाया और बाद में सभी भारतीयों का सफल रेस्क्यू हुआ। इस मामले में सात भारतीय एजेंट को गिरफ्तार किया गया है। उन सभी ने ही झांसा देकर इन लोगों को फंसाया और नेपाल में मजदूरी करवाई। अभी के लिए जिन भी भारतीयों को मुक्त करवाया गया है, उन्हें उनके घर भेजने की तैयारी की जा रही है। कुछ कानूनी प्रक्रिया पूरा करने के बाद इस काम को भी पूरा कर दिया जाएगा।
जानकारी मिली है कि जो भारतीय नेपाल में कैद थे, उन सभी को किराए के घर पर छिपाकर रखा गया था। उन सभी को मोटी कमाई का झांसा दिया जाता था, सपने दिखाए जाते थे कि बड़ी सैलरी मिलेगी। लेकिन उसके बाद सपने पूरे होना तो दूर, सभी को उल्टा टॉर्चर किया जा रहा था। प्रताड़ना दी जाती थी, मजदूरी करने के लिए मजबूर किया जाता था।
पुलिस जांच में पता चला है कि जिन लोगों को बंधक बनाया गया था, उनमें से ज्यादातर दिल्ली और हरियाणा के थे। इन सभी को काठमांडू के एक छोटे से इलाके में एक महीने तक रखा गया था। माना जा रहा है कि इस मामले में और भी लोगों की गिरफ्तारी हो सकती है।