नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) ने मंगलवार को एक ऑपरेशन में 15,000 एलएसडी ब्लॉट्स की “अब तक की सबसे बड़ी” जब्ती के साथ डार्क वेब पर संचालित अखिल भारतीय ड्रग्स तस्करी नेटवर्क का भंडाफोड़ करने का दावा किया। इस मामले में एनसीबी ने छह लोगों को गिरफ्तार किया। इनमें अधिकतर छात्र और युवा हैं। एलएसडी या लिसेर्जिक एसिड डायथाइलैमाइड एक सिंथेटिक रसायन आधारित दवा है और इसे मतिभ्रम (Illusion) बढ़ने वाले मादक पदार्थ के रूप में चिन्हित किया गया है।
पहले कर्नाटक और कोलकाता में हुई थी LSD ब्लाट की बड़ी जब्ती
एनसीबी के उप महानिदेशक (उत्तरी रेंज) ज्ञानेश्वर सिंह ने कहा कि यह एक ही अभियान में देश में एलएसडी ब्लाट की “अब तक की सबसे बड़ी” जब्ती थी। अब तक कर्नाटक पुलिस द्वारा साल 2021 और कोलकाता में साल 2022 में एनसीबी द्वारा एक ही अभियान में एलएसडी की उच्चतम जब्ती 5,000 ब्लाट थी। उन्होंने कहा कि एलएसडी का दुरुपयोग बड़े पैमाने पर युवाओं में प्रचलित है और इससे गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।
भुगतान के लिए क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल करता है डार्कनेट ड्रग्स कार्टेल
एनसीबी के एक दूसरे अधिकारी ने कहा कि डार्कनेट में संचालित होने वाला नेटवर्क भुगतान के लिए क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल करता था। यह पोलैंड, नीदरलैंड, अमेरिका और भारत के विभिन्न राज्यों में फैला हुआ था। एनसीबी के एक अधिकारी ने कहा कि मतिभ्रम पैदा करने वाली दवा की व्यावसायिक मात्रा 0.1 ग्राम एलएसडी रखना भी नारकोटिक्स एंड साइकोट्रॉपिक सब्सटेंस (NDPS) अधिनियम के तहत सख्त कानूनी कार्रवाई को आमंत्रित करता है।
डार्कनेट के जरिए ड्रग्स, पोर्न समेत कई गैर कानूनी कारोबार
ज्ञानेश्वर सिंह ने कहा कि 15,000 एलएसडी ब्लाट की जब्ती व्यावसायिक मात्रा का 2,500 गुना है। उन्होंने बताया कि डार्कनेट गहरे छिपे हुए इंटरनेट प्लेटफॉर्म को प्रदर्शित करता है। कानून प्रवर्तन एजेंसियों की निगरानी से दूर रहने के लिए राउटर (TOR) की गुप्त नेटवर्क का उपयोग करके नशीले पदार्थों की बिक्री, अश्लील सामग्री के आदान-प्रदान और अन्य अवैध गतिविधियों के लिए इसका उपयोग किया जाता है।