झारखंड के गुमला जिले में अंधविश्वास से जुड़ा एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जहां एक शख्स ने अंधविश्वास के चलते अपनी ही चाची को मौत के घाट उतार दिया। इस घटना की जानकारी जब मृतका के पति को लगी तो उसने आरोपी शख्स की हत्या कर दी। एक ही परिवार के दो लोगों की हत्या के मामले से पूरे इलाके में सनसनी फैल गई है। यह इलाका नक्सल प्रभावित क्षेत्र के तहत आता है, जिसके कारण घटना के कई घंटों के बाद आरोपी को पकड़ा जा सका।

क्या है पूरा मामला: गुमला जिले के चैनपुर प्रखंड के सिविल गांव में भतीजे राजपाल ने चाची की निर्मम हत्या कर दी। राजपाल के परिवार के कुछ लोग पिछले कुछ दिनों से बीमार चल रहे थे। जिसको लेकर राजपाल अक्सर अपनी चाची भिंसारी देवी पर आरोप लगाता था। गुरुवार की सुबह भिंसारी देवी जब घर पर अकेली थी तो राजपाल पहुंचा और धारदार हथियार से ताबड़तोड़ प्रहार कर चाची की हत्या कर दी।

खून से सने हथियार से गहराया शक: हत्या को अंजाम देने के बाद राजपाल जब वहां से भागा तो लोगों ने उसके हाथ में खून से सना धारदार हथियार देखा तो उन्हें कुछ शक हुआ। अनहोनी की आशंका के चलते भिंसारी देवी के घर पहुंचे तो देखा कि खून से लथपथ शव आंगन में पड़ा है। लोगों ने तुरंत इसकी जानकारी मृतका के पति मगदेव को दी। सूचना मिलते ही आनन फानन में मगदेव पहुंचा और राजपाल के खूनी हथियार के साथ भागने की बात सुन आग बबूला हो गया।

‘डायन थी चाची’: मगदेव को लोगों ने किसी तरह से समझा बुझाकर शांत कराया ही था कि तभी वहां राजपाल पहुंच गया। जिसको देखने के बाद मगदेव फिर आग बबूला हो गया। लोगों ने जब उससे चाची से जुड़ा सवाल पूछा तो उसने बताया कि चाची डायन थी इसलिए उसकी हत्या कर दी। यह बात सुनने के बाद मगदेव का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया तो उसने पास में रखे धारदार हथियार से राजपाल पर हमला कर दिया। जिसमें राजपाल की मौत हो गई।

राजपाल के परिवार ने किया हंगामा: दो हत्याओं के बाद पूरे इलाके में दहशत का माहौल हो गया, नक्सल प्रभावित इलाका होने के चलते पुलिस अभी तक वहां नहीं पहुंची थी। इधर मगदेव पत्नी के अंतिम संस्कार की तैयारियों में जुट गया। इन सबके बीच मृत राजपाल के परिवार के लोग मगदेव के यहां पहुंच गए और फिर से तनातनी का माहौल हो गया। रात हो जाने के चलते राजपाल के परिजनों ने सुबह देख लेने की धमकी दी और वहां से चले गए।

कई घंटों बाद पहुंची पुलिस: नए सिरे से पैदा हुए तनाव पर ग्रामीणों ने इस मामले की सूचन पुलिस को दी। पुलिस ने भी नक्सल प्रभावित इलाके में जाने के लिए सुबह तक का इंतजार किया। शुक्रवार सुबह जब पुलिस गांव में पहुंची तो पहले ग्रामीणों से पूछताछ की और आरोपी को गिरफ्तार किया।