मुंबई पुलिस ने अपहरण और यौन उत्पीड़न के आरोपी को पकड़ने के लिए पानीपुरी बेचने वाले का वेश धारण किया। एक पुलिसकर्मी ने उससे भोजपुरी में बात की फिर उसे योजना के तहत गिरफ्तार कर लिया। दरअसल, 26 साल के आरोपी ने इसी महीने की शुरुआत में एक 13 साल की नाबालिग का लड़की का अपहरण और यौन उत्पीड़न किया था। इस आरोपी को पकड़ना आसान नहीं था क्योंकि उसके बारे में कोई जानकारी नहीं थी। इसके बाद पुलिस ने आरोपी को पकड़ने के लिए एक योजना बनानी और उसका पालन किया। उनमें से एक पुलिस कर्मी ने पानीपुरी बेचने वाले का नाटक किया। उसने आरोपी से भोजपुरी में बात की और फिर उसे मिलने बुलाया। आरोपी उससे तय जगह पर मिलने के लिए तैयार हो गया। इसी के तहत आरोपी को 18 जुलाई के दिन गिरफ्तार कर लिया गया।
आरोपी को पकड़ने के लिए पानीपुरी वाला बन गया पुलिसकर्मी
रिपोर्ट के अनुसार, लड़की 13 जुलाई को गायब हो गई थी। इसके बाद पीड़िता के माता-पिता ने इस मामले में शिकायत दर्ज कराई थी। अधिकारियों को जब नाबालिग के गायब होने की सूचना मिली तो उन्होंने अपहरण का मामला दर्ज किया और उसे ढूंढने के लिए एक टीम बनाई। पीड़िता की तलाश के लिए उन्होंने नाबालिग लड़की के माता-पिता, रिश्तेदारों और पड़ोसियों से पूछताछ की। पुलिस ने लड़की का पता लगा लगाकर उसे बचा लिया। हालांकि आरोपी अभी भी पुलिस की पकड़ से बाहर था। पुलिस ने पीड़िता से बात की और आरोपी के बारे में जानकारी हांसिल की। इसके बाद पुलिस ने आरोपी के नंबर का पता लगा लिया।
इसके बाद पुलिस वालों ने उससे फोन पर बात की। बात करने के लिए एक पुलिसकर्मी ने खुद को पानीपुरी वाला बताया। पुलिस वाले ने उससे भोजपुरी में बात की और उसे मिलने बुलाया। शाम को आरोपी परेल में हिंदमाता जंक्शन पर मिलने के लिए राजी हो गया। पुलिसकर्मी ने तय की गई जगह पर पानीपुरी वाला बनकर जाल बिछाया और जैसे ही आरोपी आया उसे पकड़ लिया।
इसके बाद आरोपी को अदालत में पेश कर पुलिस हिरासत में भेज दिया गया। पुलिस का कहना है कि वे यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि क्या उसने पहले किसी अन्य लड़की का यौन उत्पीड़न किया है। एक अधिकारी ने कहा कि नाबालिग लड़की के बयान के आधार पर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ आईपीसी की धारा 376 (बलात्कार) और 377 (अप्राकृतिक अपराध) और यौन अपराध अधिनियम, 2012 के तहत बच्चों के संरक्षण की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है।