मुंबई अंडरवर्ल्ड में दाउद इब्राहिम और छोटा राजन बड़े करीबी माने जाते थे। डी-कंपनी में दाउद की पोजिशन नंबर 1 की थी तो वहीं छोटा राजन की हैसियत 2 नंबर की थी। साल 1988 खत्म होते-होते दाउद गैंग में छोटा शकील की एंट्री होती है। बस यही वह समय था जब छोटा राजन के बुरे दिन शुरू हुए। कुछ दिनों में छोटा शकील भी अपने कारनामे के चलते दाउद का करीबी हो गया।

90 के दशक में छोटा राजन और छोटा शकील के बीच एक अनदेखी होड़ शुरू हुई, जिसमें दोनों को दाउद का सबसे करीबी राजदार बनना था। छोटा शकील की कई कोशिशों के बाद भी छोटा राजन सालों तक दाउद और डी कंपनी का वफादार बना रहा। साथ ही वही दाउद के सारे कामों को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष तौर पर देख रहा था। लेकिन छोटा शकील के करीबी शरद शेट्टी और सौत्या गाहे-बगाहे दाउद के कान भरने लगे।

छोटा शकील चाहता था कि उसके गुर्गे शरद शेट्टी और सौत्या, छोटा राजन ‘नाना’ के कमांड नहीं बल्कि उसके इशारे पर काम करें। साल 1992 आने तक सब ठीक था कि इसी बीच दाउद के जानी दुश्मन अरुण गवली के BRA गैंग ने दाउद के जीजा इब्राहिम पारकर की हत्या कर दी। इसके बाद दाउद को अपनी बहन हसीना पारकर का दुःख देखा नहीं जा रहा था।

दाउद इब्राहिम चाहता था कि जल्द से जल्द इसका बदला लिया जाए। दाउद ने इस काम के लिए छोटा राजन को जिम्मेदारी दी कि वह इब्राहिम पारकर की हत्या में शामिल गवली गैंग के शूटर शैलेश हलदनकर और विपिन शोरे को मौत के घाट उतार दे। थोड़े दिनों बाद छोटा राजन को मालूम हुआ कि दोनों जेजे अस्पताल में कड़ी सुरक्षा के बीच भर्ती हैं।

इसी बीच देरी होने के चलते छोटा शकील ने दाउद इब्राहिम के कान भरे कि छोटा राजन बदला लेने की बात को लेकर संजीदा नहीं है। इस वाकये को अपनी किताब में लिखते हुए वरिष्ठ पत्रकार हरगोविंद बताते हैं कि आशंका के बीच दाउद ने राजन को फोन कर काम के बारे में पूछा तो छोटा राजन ने बताया कि- भाई, प्लान तैयार है लेकिन अस्पताल के भीतर मारना खतरे से खाली नहीं है।

नाना यानी छोटा राजन का फोन कटते ही छोटा शकील ने कहा कि भाई एक बार आप हमें मौका दें। दाउद को बदला लेने की इतनी जल्दी थी कि उसने तुरंत ‘गो अहेड’ कह दिया। इसके बाद सुनियोजित योजना के तहत 12 नवंबर 1992 को सौत्या समेत 25 खतरनाक शूटर मुंबई के जेजे अस्पताल में घुसे और ताबड़तोड़ गोलियां बरसा कर शैलेश हलदनकर को भून दिया। विपिन शोरे दूसरे वार्ड में शिफ्ट करने के चलते बच गया लेकिन करीब 500 राउंड की फायरिंग में दो पुलिसकर्मी भी शिकार हो गए थे।