मणिपुर हिंसा मामले पर एक सोशल मीडिया पोस्ट करने वाले पादरी ने पुलिस की कार्रवाई के बाद आत्महत्या कर ली है। कैथोलिक पादरी पर मध्यप्रदेश पुलिस ने मणिपुर में हिंसा पर एक सोशल मीडिया पोस्ट साझा करने के लिए मामला दर्ज किया था। सिरो मालाबार चर्च के सदस्य फादर अनिल फ्रांसिस (40) सागर जिले के गढ़ाकोटा में सेंट अल्फोंसा अकादमी में प्रबंधक थे। पुलिस के मुताबिक वह गुरुवार (14 सितंबर) को मृत पाए गए।
क्या था मामला, पुलिस ने क्या कहा?
मध्यप्रदेश पुलिस ने जानकारी साझा करते हुए कहा कि मृतक को कब्रिस्तान के पास एक पेड़ से लटका हुआ पाया गया था। अब तक किसी गड़बड़ी का कोई संकेत नहीं मिला है। पिछले बुधवार को फ्रांसिस एक प्रार्थना सभा में शामिल होने के लिए सागर में बिशप हाउस गए थे। हालांकि बाद में वह लापता हो गए थे । एक कथित सुसाइड नोट में फ्रांसिस ने कहा कि वह चाहते है कि उसके शरीर को दफनाने के बजाय उसका अंतिम संस्कार किया जाए।
जनसंपर्क अधिकारी फादर साबू पुथेनपुरक्कल ने कहा कि फ्रांसिस की आत्महत्या कई वजहों का परिणाम हो सकती है, यह सिर्फ सोशल मीडिया पोस्ट से जुड़ा मामला नहीं है।
इस मामले में कहा जा रहा है कि हफादर अनिल फ्रांसिस सोशल मीडिया पर मणिपुर हिंसा पर साझा की गई एक पोस्ट पर उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर को लेकर तनाव और दबाव में थे। एक सुसाइड नोट में उन्होंने अपने शरीर का अंतिम संस्कार करने की इच्छा व्यक्त की है। पुलिस ने शव को नीचे उतारा और पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। मामले की जांच जारी है। सागर के बिशप जेम्स अथिकालम ने कहा, “हमें नहीं पता कि उसने इतना बड़ा कदम क्यों उठाया, हम अभी भी सदमे में हैं।”
अन्य पादरी ने कहा, “हम उनकी अंतिम इच्छा का सम्मान करते हैं, उन्होंने कहा कि शव को दफनाने की सामान्य प्रथा के बजाय अंतिम संस्कार के लिए परिवार को सौंप दिया जाएगा। फ्रांसिस को अप्रैल 2013 में पादरी नियुक्त किया गया था। फादर पुथेनपुराकल ने कहा, फ्रांसिस अपनी प्रतिबद्धता के लिए जाने जाते थे।
डरे हुए थे पादरी
फ्रांसिस के सहकर्मियों में से एक ने कहा कि मध्य प्रदेश में पुलिस द्वारा संघर्षग्रस्त मणिपुर राज्य पर एक सोशल मीडिया पोस्ट साझा करने के लिए उनके खिलाफ आपराधिक मानहानि का मामला दर्ज करने के बाद वह काफी दबाव में थे। मणिपुर में 3 मई को शुरू हुई हिंसा में करीब 200 लोग मारे गए हैं।