मध्य प्रदेश के मुरैना से आई एक दर्द विदारक तस्वीर ने पूरे सिस्टम की पोल खोल कर रख दी है। अब इस घटना का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल है। जिसमें एक 8 साल का बच्चा अपने मासूम भाई के शव को गोद में लिए बैठा है। शव पर लगातार मक्खियां बैठ रही हैं और भाई उड़ा रहा है, वही गरीबी के कीचड़ में सना पिता पैसे न होने के चलते एंबुलेंस के लिए इधर-उधर भाग रहा है।

सोशल मीडिया पर वायरल यह वीडियो मध्य प्रदेश के मुरैना से आया है, जो दिखाता है कि यदि आम आदमी के पास पैसा नहीं है तो शव भी खोपड़ी पर लादकर ले जाना होगा। उसे सिस्टम से कोई मदद नहीं मिलने वाली। कुछ ऐसा ही वाकया यहां भी हुआ। जानकरी के मुताबिक, जिस मासूम की मौत हुई वह कई दिनों से बीमार था। पिता उसके बड़ा भाई के साथ अस्पताल आया था, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।

मासूम की उम्र मात्र 2 साल थी और उस नाम राजा था। राजा को क्या पता था कि इस दुनिया में भले वह राजा बनकर आया है लेकिन गरीबी के चलते उसे मौत के बाद सिस्टम से कोई मदद नहीं मिलेगी। राजा की लाश नेहरू पार्क के सामने सड़क किनारे नाले के पास उसके बड़े भाई गुलशन की गोद में घंटों तक पड़ी रही। गरीबी से तंगहाल राजा के पिता पूजाराम से कहा गया कि एंबुलेंस के लिए डेढ़ हजार रुपए लगेंगे।

ऐसे में वह अपने बड़े बेटे गुलशन के पास शव को रखकर दूसरी जगह चला गया, ताकि कम पैसों में बंदोबस्त कर बेटे के शव को घर ले जाया जा सके। थक हारकर पूजाराम ने अस्पताल से मदद मांगी तो कहा गया कि शव ले जाने के लिए अस्पताल में कोई वाहन नहीं है।

बाजार में जाकर कोई और गाड़ी किराये पर ले लो। हालांकि, किसी ने बच्चे की गोद में रखे शव को देखकर सूचना पुलिस को दी तो मौके पर कुछ पुलिसकर्मी पहुंचे। फिर स्थानीय कोतवाली के टीआई योगेंद्र सिंह ने शव उठवाया और जिला अस्पताल ले गए।

जहां गुलशन, पिता पूजाराम को एक एंबुलेंस से शव के साथ बैठाकर उनके गांव भिजवा दिया गया। पूजाराम के मुताबिक, उसके चार बच्चे हैं। राजा सबसे छोटा था और कुछ दिन से बीमार था, उनके मां किसी काम के चलते अपने मायके गई हुई थी।