2012 Delhi Gang Rape and Murder Case: साल 2012 के बहुचर्चित दिल्ली गैंगरेप केस में जस्टिस होने के बाद अब कई लोगों की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। चारों दोषी पवन, मुकेश, विनय और अक्षय को फांसी दिए जाने के बाद पीड़िता की मां ने कहा कि ‘अब लड़कियां खुद को महफूज महसूस करेंगी। कहीं ना कहीं इन चारों की फांसी के बाद मां-बाप अपने बेटों को सहीं और गलत के बारे में समझना और सीखना शुरू करेंगे कि अगर ऐसा किया तो आपका हश्र भी इन्हीं चारों की तरह होगा।’
उन्होंने कहा कि अब मैं अपनी बच्ची की आंख में आंख मिलाकर बात कर सकती हूं। उन्होंने कहा कि ‘मैं जैसे ही सुप्रीम कोर्ट से आई उसकी तस्वीर को गले से लगाया और हाथ जोड़कर कहा कि आज तुम्हें इंसाफ मिल गया।’ उन्होंने कहा कि ‘मुझे अपनी बेटी पर गर्व है। मैं उसे बचा नहीं पाई इसका दुख मुझे हमेशा रहेगा…आज वो होती तो मैं डॉक्टर की मां के नाम से जानी जाती। मैं उसे बचा नहीं पाई लेकिन इंसाफ मिलने के बाद ममता का धर्म मैंने पूरा किया।’ पीड़िता की मां ने विक्टरी का साइन भी दिखाया।
इधर पीड़िता के पिता ने कहा कि ‘सबसे पहले एक पिता का क्या कर्तव्य होता है, जब घटना हुई तो हमने आंख बंद नहीं की। दर-दर भटके, लेकिन न्याय हासिल किया। मेरी अपील है कि बेटे और बेटी में फर्क न करें और अपने कर्तव्य को समझें। इन चारों को फांसी देकर कानून ने साफ किया कि अगर बच्चियों के साथ अन्याय होगा तो करने वाले को सजा मिलेगी, आज मेरी बेटी की आत्मा को शांति मिली होगी। आज हमारी बेटी बहुत खुश होगी।’
वहीं इस फांसी की प्रक्रिया के बाद पीड़िता की वकील ने कहा कि यह रेयर ऑफ रेयरेस्ट मामला था। इस मामले के दोषियों को आज सजा दी गई है। उन्होंने कहा कि ‘मुझे पता था कि कई सारे केसों में लोगों को न्याय नहीं मिला है और केस पेंडिंग है। ऐसे में फैसला आने में देरी हो सकती है।’ उन्होंने कहा कि देर है लेकिन अंधेर नहीं। आखिरकार पीड़िता और उसके परिवार वालों को इंसाफ मिल गया। उन्होंने कहा कि देश की अन्य बेटियों को भी न्याय मिले यह जरुरी है।