पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला के हत्या मामले में अब पंजाब पुलिस और सीबीआई आमने-सामने आ गई हैं। बता दें कि, कल पंजाब पुलिस ने दावा किया था कि उन्होंने सीबीआई से 19 मई को ही कनाडा के गैंगस्टर सतिंदर जीत सिंह उर्फ गोल्डी बराड़ के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने को लेकर सिफारिश की थी, जिस पर समय रहते कार्रवाई नहीं हुई थी।
इसी मामले पर केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने गुरुवार को पंजाब पुलिस के उस दावे का खंडन कर दिया, जिसमें कहा गया था कि उन्होंने 19 मई को ही गोल्डी बराड़ के खिलाफ इंटरपोल से रेड कॉर्नर नोटिस जारी कराने के लिए एक प्रस्ताव भेजा था। इस मामले में पंजाब पुलिस के अधिकारियों ने कहा था कि सीबीआई को प्रस्ताव दो मामलों के आधार पर भेजा गया था। पंजाब पुलिस ने हरविंदर सिंह रिंडा के खिलाफ भी यही एक्शन लेने की सिफारिश भेजी थी।
सीबीआई ने गुरुवार को साफ किया कि 30 मई को दोपहर 12.25 बजे पंजाब पुलिस के ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन से एक ई-मेल के जरिए इस बारे में अनुरोध प्राप्त हुआ था। बता दें कि, मुक्तसर साहिब का मूल निवासी, बराड़ 2017 में स्टूडेंट वीजा पर कनाडा गया था; जो कि लॉरेंस बिश्नोई गिरोह का एक सक्रिय सदस्य है। कथित तौर पर उसने ही पंजाब के मानसा जिले के जवाहरके गांव में 29 मई को हुई पंजाबी गायक की हत्या की जिम्मेदारी ली थी।
बुधवार को किए गए पंजाब पुलिस के दावों के जवाब में, गुरुवार को सीबीआई द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि “30 मई, 2022 के इस ई-मेल में, 19 मई, 2022 के अनुरोध पत्र की एक प्रति भेजी गई थी”। सीबीआई द्वारा इस मामले पर कहा गया कि, पंजाब पुलिस के अनुरोध के बाद सभी प्रक्रिया पूरी कर सिफारिश 2 जून, 2022 को इंटरपोल मुख्यालय को भेज दिया गया था।
सीबीआई ने यह भी कहा कि हरविंदर सिंह रिंडा के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने का अनुरोध पहले ही इंटरपोल मुख्यालय को भेजा जा चुका है। सीबीआई ने स्पष्ट किया कि रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने का अधिकार इंटरपोल के पास होता है। इंटरपोल का उपयोग अनौपचारिक तौर पर अंतरराष्ट्रीय पुलिस के सहयोग के लिए किया जाता है। जब सब्जेक्ट (व्यक्ति विशेष) का स्थान ज्ञात हो तो प्रत्यर्पण अनुरोध भेजने के लिए नोटिस न तो अनिवार्य है और न ही जरूरी है।