महाराष्ट्र के होशंगाबाद के नयागांव इलाके में एक रहस्यमय पेड़ को लेकर बवाल हो गया। स्थानीय लोगों का विश्वास है कि पेड़ को छूने से बीमारी दूर हो जाती है। इसकी वजह से वहां पर रोजाना हजारों लोगों की भीड़ जुट रही है। बुधवार को पुलिस ने इसका विरोध किया तो लोगों ने उन पर हमला कर दिया। हमले में स्थानीय थाना इंचार्ज गंभीर रूप से घायल हो गए। वन्यजीवों से समृद्ध इस क्षेत्र में बड़े स्तर पर लोगों के पहुंचने से वन अधिकारी भी चिंतित थे। उनका कहना है कि इससे जंगली जानवरों की सुरक्षा पर संकट खड़ा हो गया। हालांकि अभी तक इस अफवाह को फैलाने वाले शख्स का पता नहीं चल रहा है।

दरअसल सतपुड़ा टाइगर रेंज में एक इमली के पेड़ में गंभीर बीमारियों को ठीक करने की जादुई शक्ति होने की अफवाह फैली है। इससे पूरे क्षेत्र के हजारों लोग रोजाना वहां जुट जाते हैं। बुधवार को स्थानीय प्रशासन ने पेड़ के पास एक गड्ढा खोदवा दिया, जिससे लोग वहां तक नहीं पहुंच सकें। प्रशासन को उम्मीद थी कि इससे अंधविश्वास पर रोक लग सकेगी। स्थानीय लोगों को यह नागवार लगा। गुस्साए लोगों ने उन पर पत्थर फेंकना शुरू कर दिया। उनकी गाड़ियां फूंक दी और वहां लगे पुलिस के अस्थायी टेंट को भी जला दिया।

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पत्थर फेंकने से वानखेड़ी थाना इंचार्ज शंकर लाल झरिया समेत कई पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हो गए। झरिया को सिर में गंभीर रूप से चोट लगी।
अफसरों का कहना है कि इसके बाद वहां अतिरिक्त फोर्स बुलाकर स्थिति को काबू पाया गया। स्थिति अब नियंत्रण में है। अधिकारी इस मुद्दे पर स्थानीय लोगों से भी बातचीत कर रहे हैं। हाल ही में प्रशासन ने वहां लग रहे बाजार को भी हटवा दिया था। यह बाजार वहां आने वाले लोगों की जरूरतों को पूरा करने के लिए पेड़ के करीब ही लग रहा था। बाजार में स्ट्रेचर, व्हीलचेयर, ड्रिप और ऑक्सीजन सिलेंडर आदि भी उपलब्ध कराए जा रहे थे।

स्थानीय लोगों का कहना है कि बीमारी ठीक करने वाले पेड़ के बारे में अफवाह इतनी तेजी से फैली कि पिछले दो महीने में करीब ढाई लाख लोग वहां आ चुके हैं।
हजारों लोगों के रोजाना वहां पहुंचने से स्थानीय प्रशासन के सामने कानून-व्यवस्था दुरुस्त रखने का संकट खड़ा हो गया था। कई बार वहां भगदड़ जैसी स्थिति भी बन गई थी। स्थानीय रूप सिंह ठाकुर (30) ने एक वायरल वीडियो में दावा किया था कि एक बार जब वह पेड़ के पास से गुजर रहा था, तो वह उसे अपनी ओर खींच लिया और दस मिनट के बाद छोड़ा तो उसकी लड़खड़ाने की बीमारी दूर हो गई। इसके बाद वह रविवार और बुधवार को वहां जाने लगा।