पूर्वोतर का एक राज्य है मणिपुर। इस राज्य के एक मशहूर शख्सियत को यहां Miracle Man के नाम से भी जाना जाता है। हम बात कर रहे हैं चर्चित IAS अफसर आर्मस्ट्रांग पाम की। साल 2005 में St Stephen’s College Delhi से ग्रेजुएट होने के बाद आर्मस्ट्रांग पाम ने सिविल सर्विस परीक्षा में बैठने का फैसला किया। साल 2009 में उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा पास कर ली और मणिपुर के Tusem में सब-डिविजनल मजिस्ट्रेट के तौर पर पदस्थापित हुए।
मणिपुर के रिमोट इलाके के दो गांव Tusem और Tamenglong के बीच संपर्क स्थापित करने में बहुत परेशानी थी क्योंकि इन दोनों गांवों के बीच सड़क नहीं बनी थी। कनेक्टिविटी नहीं होने की वजह से स्थानीय लोगों को घंटों चलकर दूसरे गांवों में जाना पड़ता था या फिर नदी तैर कर पार करना पड़ता था। IAS अफसर आर्मस्ट्रांग पाम को भी इस समस्या के बारे में जानकारी थी औऱ उन्होंने इस समस्या को दूर करने की ठानी। आज यहां 100 किलोमीटर लंबी सड़क बन चुकी है जो दोनों गांवों को जोड़ती है और इस सड़क को People’s Road के नाम से भी जाना जाता है।
आर्मस्ट्रांग पाम ने ही सबसे पहले तय किया था कि यहां सड़क बनाई जाएगी। बताया जाता है कि उन्होंने इस संबंध में उस वक्त मणिपुर सरकार को भी पत्र लिखा था लेकिन उन्हें फंड नहीं मिली। लेकिन IAS अफसर आर्मस्ट्रांग पाम अपने इरादे से विचलित नहीं हुए। उन्होंने सड़क बनाने के लिए लोगों से चंदा जुटाना शुरू किया। इसके लिए उन्होंने सोशल मीडिया का सहारा लिया और खास बात यह भी है कि यहां लोगों ने उम्मीद से बढ़कर उनकी मदद की।
आर्मस्ट्रांग पाम ने चंदे की मदद से 40 लाख रुपए जुटाए। इसके अलावा उन्होंने 5 लाख रुपए खुद अपनी जेब से इसमें जोड़े। इसके बाद शुरू हुआ बिना सरकारी मदद के सड़क निर्माण का काम। लोगों की मेहनत रंग लाई और फिर तैयार हो गया 100 किलोमीटर लंबा सड़क। यह सड़क आज मणिपुर को असम और नागालैंड से भी जोड़ता है।
आर्मस्ट्रांग पाम को उनकी ईमानदारी और लोगों के बीच जाकर काम करने के लिए जाना जाता है। आर्मस्ट्रांग पाम हर हफ्ते 5वीं क्लास से लेकर 10वीं क्लास तक के 5 पांच बच्चों को डिनर पर निमंत्रण भी देते हैं। दरअसल इसके पीछे उनका मकसद है कि वो इन बच्चों को आईएएस अफसर की जिंदगी से रूबरू करवा सकें। आर्मस्ट्रांग पाम के इस प्रयास को काफी सराहा गया है।
साल 2012 में आर्मस्ट्रांग पाम को पब्लिक सर्विस कैटेगरी में CNN-IBN Indian of the Year Award के लिए नॉमिनेट किया गया था। साल 2015 में उन्हें देश के बेहतरीन आईएएस अफसर के अवार्ड से भी सम्मानित किया गया था।