राजस्थान के अलवर-दौसा में दरिंदगी की ऐसी दास्तान का पता चला है जिसने सभी रिश्तों को तार तार करके रख दिया है। यहां एक नाबालिग ने अपने पिता और चाचा पर दुष्कर्म का मामला दर्ज करवाया था। लड़की के पिता और चाचा ने काफी समय तक उसका दैहिक शोषण किया था। पुलिस ने नाबालिग से दुष्कर्म के आरोप में पिता और चाचा को बुधवार 11 अगस्त को गिरफ्तार किया। हैरान करने की बात ये है कि आरोपियों को गिरफ्तार करने में स्थानीय पुलिस को चार साल का वक्त लग गया। शिकायत 2017 में दर्ज कराई गई थी और गिरफ्तारी 2021 में हुई है।

पुलिस के मुताबिक, नाबालिग अपनी मां के साथ रहती थी। चार साल पहले लड़की का पिता उसे अपने साथ ले गया। पिता के साथ गई इस बिटिया को इस बात का अंदाजा तक नहीं था कि वह अपने ही पिता के नापाक मंसूबों को शिकार हो जाएगी। पीड़िता ने जब अपने ही पिता द्वारा छेड़छाड़ का सामना किया तो वह हैरान रह गई, उसने तुरंत इसकी जानकारी अपने चाचा को दी।

बच्चे की शिकायत पाकर 15 वर्षीय पीड़िता को उसका चाचा अपने साथ दिल्ली ले लाया, पीड़िता को पता नहीं था कि जिस चाचा को रक्षक समझकर उसके साथ जा रही है वह भी पिता की तरह भक्षक बनेगा। दिल्ली में मौका पाकर आरोपी चाचा ने भी पीड़िता की आबरु के साथ खिलवाड़ किया। जब उसकी अस्मत को लूटा जा रहा था तो उसकी उम्र मात्र साढ़े 15 साल थी। दावा किया जा रहा है कि पीड़िता एक बार गर्भवती भी हुई थी, दवाई खिलाकर उसका गर्भपात कराया गया।

दूसरी ओर तीन साल तक जयपुर और एक साल दौसा पुलिस ने मामले की जांच को लटकाए रखा। आखिरकार दुष्कर्म के चार साल बाद आरोपी पिता व चाचा को गिरफ्तार कर लिया गया है। 2020 में यह मामला बांदीकुईं पुलिस को ट्रांसफर किया गया था। यहां भी लॉकडाउन के कारण जांच रुकी रही। मामले की जानकारी जब जिला पुलिस अधीक्षक तक पहुंची तो उनके निर्देश के बाद गिरफ्तारी हुई।

राजस्थान में रिश्तों को तार तार करते इस मामले ने एक महिला सुरक्षा को लेकर होने वाली बहस को एक बार फिर हवा दे दी है। जब मासूम बच्चियां अपने घरों पर सुरक्षित नहीं है तो क्या घरों के बाहर सुरक्षा देने का क्या फायदा होगा।