Written by Vama Maniar
ओमान और कतर के बीच एक जहाज पर कार्यरत 50 वर्षीय मर्चेंट नेवी अधिकारी अमर बहादुर वर्मा के लापता होने के बाद उनके परिवार ने राज्य सरकार से मदद मांगी है। उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर और दिवा के रहने वाले अमर बहादुर वर्मा एमवी एशियन बल्क पर इलेक्ट्रो-तकनीकी अधिकारी के रूप में कार्यरत थे। यह जहाज 2 फरवरी को ओमान के सोहर से रवाना हुआ था। जहाज कतर में मेसाइद के लिए जा रहा था।
फोन पर कई दिनों तक संपर्क नहीं होने पर शिपिंग कंपनी से परिवार ने की पूछताछ
अमर बहादुर वर्मा परिवार ने कहा कि आखिरी बार उन्होंने उसकी बात 29 मई को सुनी थी। नागपुर में रहने वाले उनके बड़े भाई जगदीश प्रसाद वर्मा ने कहा, “हमें तब एहसास हुआ कि वह गायब है जब हमें कुछ दिनों तक उसका कोई फोन नहीं आया।” जब तीन दिनों तक उनसे संपर्क नहीं हो सका तो परिवार ने शिपिंग कंपनी से संपर्क किया। कंपनी के अधिकारियों के मुताबिक, वर्मा को जहाज पर 2 जून को आखिरी बार देखा गया था।
कतर सरकार के अधिकारी और शिपिंग कंपनी कर रही मामले की जांच
शिपिंग कंपनी के अधिकारियों के मुताबिक दोपहर के भोजन के बाद अमर बहादुर वर्मा के सहयोगियों को एहसास हुआ कि वह लापता हैं और उन्होंने अलार्म बजाया। इसके बाद कतर सरकार के अधिकारी मामले की जांच के लिए जहाज पर चढ़ गए और वर्मा के लापता होने के बारे में पूछताछ कर रहे हैं।
इंडियन एक्सप्रेस से बोली कंपनी- अपडेट मिला तो परिवार को सूचित करेंगे
इंडियन एक्सप्रेस द्वारा संपर्क किए जाने पर हर्मीस शिप मैनेजमेंट के बेलापुर कार्यालय प्रबंधक कैप्टन आर के कदम ने कहा, “हमें घटना के संबंध में स्थानीय अधिकारियों से कोई पत्राचार नहीं मिला है, लेकिन जैसे ही हमें कोई अपडेट मिलेगा हम परिवार को सूचित करेंगे।” दूसरी ओर लापता मर्चेंट नेवी अधिकारी अमर बहादुर वर्मा के परिवार वालों ने उत्तर प्रदेश सरकार से इस मामले में मदद करने की गुहार लगाई है।