कानपुर देहात के एक गांव में दबंगों ने एक विक्षिप्त युवक को पीट-पीटकर मार डाला। बताया जा रहा है कि पीड़ित पर दबंगों का गुस्सा इस तरह कहर बनकर टूटा कि पिटाई से वह बेहोश हो जाता तो पानी डालकर उसे होश में लाया जाता। इसके बाद दोबारा मारपीट की जाती। यह क्रम तब तक चलता रहा, जब तक विक्षिप्त की मौत नहीं हो गई। वहीं, गांव में दबंगों का इतना खौफ है कि युवक को बचाने के लिए कोई भी आगे नहीं आया। घटना को अंजाम देने के बाद आरोपी मौके से फरार हो गए। मामले की जानकारी मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और युवक का शव पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया।

सजेती थाना क्षेत्र स्थित बदले सिमनापुर गांव में रहने वाले बद्री प्रसाद निषाद का इकलौता बेटा अनिल निषाद मानसिक रूप से विक्षिप्त था। 4 साल पहले उसकी शादी कानपुर देहात के रसूलाबाद की रहने वाली मंजू से हुई थी, लेकिन अनिल की हरकतों से परेशान होकर मंजू मायके में रहने लगी। वहीं, अनिल के पिता बद्री प्रसाद भी उसकी आदतों से परेशान होकर गांव छोड़कर चले गए। ऐसे में अनिल की दिमागी स्थिति और बिगड़ गई, जिसके चलते वह गांव वालों से गाली-गलौज करता रहता था।

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अनिल के पड़ोस में रहने वाले परशुराम उर्फ़ परसोले के परिजन उसकी गाली-गलौज से काफी परेशान हो चुके थे। ऐसे में उन्होंने गुरुवार (6 जून) को डायल-100 पर कॉल की और अनिल को पुलिस को हवाले कर दिया। हालांकि, रविवार (9 जून) को अनिल थाने से छूट गया और परशुराम व उनके परिजनों को गालियां देने लगा। ऐसे में परशुराम और उसके भाई दिनेश समेत 6-7 लोगों ने लाठी-डंडे लेकर अनिल को दौड़ा लिया और तब तक पीटा, जब तक उसकी मौत नहीं हो गई। बताया जा रहा है कि मारपीट के कारण अनिल बार-बार बेहोश हो रहा था। ऐसे में पानी डालकर उसे होश में लाया जाता, फिर उसे पीटा जा रहा था।

पुलिस के मुताबिक, कोई भी ग्रामीण अनिल को बचाने की हिम्मत नहीं जुटा पाया। दरअसल, परशुराम और उसके भाई दिनेश पर दो दशक पहले हत्या का आरोप लगा था। इसके चलते पूरे गांव में परशुराम के खिलाफ बोलने की हिम्मत किसी में नहीं है। वहीं, सजेती थाने के कुछ सिपाहियों से उसकी अच्छी पैठ है। एसपी देहात प्रद्युम्न सिंह के मुताबिक, आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है। उम्मीद है कि उन्हें जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा।