यूपी के मऊ जिले के दरौरा में बुधवार को दलितों का जबरन धर्म परिवर्तन कराने के आरोप में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस अधीक्षक अनुराग आर्या ने दावा किया कि दरौरा गांव के दलित प्रधान प्रकाश पासी की शिकायत पर रिपोर्ट दर्ज की गई है। हालांकि प्रकाश ने कथित धर्म परिवर्तन के खिलाफ किसी भी तरह की रिपोर्ट दर्ज कराने से इंकार किया है। एसपी ने कहा, “अगर उसने शिकायत नहीं दर्ज कराई है तो उसे मुझे सूचित करना चाहिए था।” प्रकाश ने दावा किया है कि मंगलवार सुबह दलितों के एक हिंदू संगठन के सदस्यों ने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई होगी।
घर पर हो रही थी मीटिंग : प्रकाश ने बताया, “कुछ हिंदू संगठनों के लोगों का एक समूह हमारे गांव आया और उस जगह के बारे में पूछा जहां ईसाई प्रार्थना कर रहे थे। मैंने उन्हें वह जगह बताई। ये वही लोग होंगे, जिन्होंने पुलिस को सूचित किया और तीन लोगों को गिरफ्तार कराया।” उसने कहा, “मैं अपने ही समुदाय के खिलाफ क्यों रिपोर्ट दर्ज कराऊंगा। मुझे दूसरे के घर में हो रहे काम से कोई लेना देना नहीं है।” दूसरी ओर एफआईआर के अनुसार, ईसाई मिशनरी कथित रूप से गलतफहमी फैलाकर और लालच देकर लोगों को धर्मांतरित कर रहे हैं। एफआईआर में आरोप लगाया गया, “मंगलवार को गांव में एक दुकान के मालिक कपिलदेव राम और उनके परिवार के लोग अपने घर पर कुछ लोगों में गलतफहमी फैला रहे थे, उनको धमका रहे थे और उन्हें ईसाई धर्म में शामिल होने के लिए बहका रहे थे। खास बात यह है कि ऐसी मीटिंग प्रत्येक मंगलवार को उनके घर पर होती हैं। मुझे जानकारी मिली थी कि दुकान का मालिक और उसके परिवार के सदस्य ग्रामीणों का मानसिक शोषण कर रहे थे। एक मिशनरी से जुड़े दो स्थानीय पादरी अजय कुमार और ओमप्रकाश भी इसमें शामिल रहे हैं।”
पूछताछ करने पर हुआ हंगामा : रिपोर्ट में लिखा है, “मंगलवार की दोपहर जब मैं राम के घर गया, तो मैंने देखा कि करीब 25 लोग वहां थे। अजय कुमार और ओमप्रकाश ईसाई धर्म की प्रशंसा कर रहे थे। वे कह रहे थे कि जो लोग ईसामसीह को नहीं मानते हैं, वे कष्ट भोगते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि जो लोग उनको मानते हैं, वे सभी तरह की समस्याओं और बीमारियों से मुक्त रहते है। वे दूसरे धर्मों का मजाक उड़ा रहे थे। जब मैंने इसके बारे में उनसे पूछताछ की तो वे मुझे पीटना शुरू कर दिया, जिससे वहां हंगामा हो गया।”
आरोपियों को जेल भेजा गया : कपिलदेव राम, ओमप्रकाश और अजय कुमार के खिलाफ IPC की धारा 153A (विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना), 195A (किसी भी व्यक्ति को झूठे साक्ष्य देने की धमकी देना) और 508 (प्रेरित करने के लिए किया गया कार्य) आदि के तहत मामला दर्ज किया गया है। रानीपुर पुलिस स्टेशन के स्टेशन हाउस ऑफिसर (SHO)अशोक कुमार यादव ने बुधवार को एक स्थानीय अदालत में पेश करने के बाद उन्हें जेल भेज दिया।