बिहार का एक युवक 30 साल तक सरकारी सिस्टम को मूर्ख बनाता रहा और किसी को इसकी भनक तक नहीं लगी। सुरेश राम नाम का यह शख्स सरकारी कागजों पर 30 साल तक तीन अलग-अलग सरकारी विभागों में काम करता रहा और हैरानी की बात है कि तीनों ही विभाग से सुरेश राम अलग-अलग सैलरी भी लेता रहा। लेकिन उसकी होशियारी किसी के नजर में नहीं आ सकी। अब इतने सालों के बाद इस शख्स की चालबाजी Comprehensive Financial Management System (CFMS) के जरिए उजागर हुई।
इन तीन अलग-अलग सरकारी दफ्तरों में कार्यरत था -:
– जानकारी के मुताबिक सुरेश राम ने भवन निर्माण विभाग, पटना में वर्ष 1988 में जूनियर इंजीनियर के पद पर पहली बार कार्यभार संभाला था।
– इसी साल उसे जल संसाधन विभाग से भी नियुक्ति पत्र मिला था। दिलचस्प यह भी कि यह नियुक्ति पटना में ही हुई थी।
– इसके बाद सुरेश राम को इसी पद पर कार्य करने के लिए एक और नियुक्ति पत्र मिला।
सुरेश राम को इन तीन विभागों से सैलरी मिल रही थी-:
– भवन निर्माण विभाग, (जिला, किशनगंज) से वो असिस्टेंट इंजीनियर के तौर पर सैलरी हासिल कर रहा था।
– जल संसाधन विभाग, (जिला, बांका, बेलहर ब्लॉक) से भी उसे सैलरी मिल रही थी।
– सुपौल जिले के भी एक सरकारी दफ्तर से वो 30 साल से सैलरी प्राप्त कर रहा था।
बीते 22 जुलाई को उप सचिव ने सुरेश राम को सिंचाई विभाग में अपने सभी सरकारी कागजात लेकर आने के लिए कहा। ‘DNA’ से बातचीत करते हुए किशनगंज के एग्जिक्यूटिव इंजीनियर मधुसूदन कुमार कर्ण ने बताया कि सुरेश राम सिंचाई विभाग के सामने अपनी नियुक्ति या सैलरी से संबंधित किसी भी तरह का कागज पेश नहीं कर सका।
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इसके बाद सुरेश राम के खिलाफ किशनगंज पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज कराया गया है। फिलहाल सरकारी विभागों को 30 साल तक चूना लगाने वाला सुरेश राम फरार बताया जा रहा है और इस मामले की अलग-अलग एंगल से तफ्तीश की जा रही है। (और…CRIME NEWS)
