वो खुद को PMO में तैनात एक IPS ऑफिसर बताता था। वो लोगों से यह कहता था कि उसकी पत्नी भी एक IAS अधिकारी है। इतना ही नहीं कभी वो खुद को भाजपा के एक बड़े नेता का दोस्त भी बताता था। खुद को एक IPS अधिकारी बताकर वो सरकारी कर्मचारियों पर रौब झाड़ता था और उनपर ट्रांसफर-पोस्टिंग कराने का दबाव बनाता था। नोएडा के गौतमबुद्ध नगर इलाके से पुलिस ने 27 साल के इस युवक को पुलिस ने पकड़ लिया है।
बताया जा रहा है कि यह युवक ना तो आईपीएस अधिकारी है, ना ही उसकी PMO में तैनाती है और ना ही उसकी पत्नी कोई आईएएस अधिकारी है। दरअसल यह पूरा मामला है एक फर्जी IPS अधिकारी बन पैसे ऐंठने का। यह भी पता चला है कि फर्जी अधिकारी बनकर सरकारी कर्मचारियों पर रौब जमाने वाले इस युवक को पुलिस ने इस तरह के अपराध में दूसरी बार पकड़ा है। साल 2012 में भी पुलिस ने इसे उस वक्त पकड़ा था जब वो एक निजी विश्वविद्यालय में दाखिले में अपनी मनमानी कर रहा था।
इस युवक ने उस वक्त भी विश्वविद्यालय प्रबंधन से यही कहा था कि वो एक IAS अधिकारी है। जानकारी के मुताबिक आऱोपी की पहचान गौरव मिश्रा के तौर पर हुई है। बताया जा रहा है कि वो B.Tech ग्रेजुएट है और मूल रूप से उत्तर प्रदेश के प्रयागराज (पहले इलाहाबाद) का रहने वाला है। गौरव के पास से तीन मोबाइल नंबर मिले हैं। यह तीनों नंबर उसने फर्जी आईकार्ड के सहारे हासिल किये थे। वो इन नंबरों का इस्तेमाल अलग-अलग तरीके से फर्जीगीरी के लिए किया करता था।
26 जुलाई को जब उसने खुद को बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता का करीबी बताकर किसी को फोन किया तब उस शख्स ने Truecaller के जरिए नंबर की पड़ताल कर उसके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। यहां तक की पकड़े जाने के बाद भी गौरव ने खुद को 2012 बैच का आईपीएस अधिकारी बताया। उसने बताया कि वो बंगाल कैडर का अधिकारी है और उसकी पत्नी PMO में एक IAS अधिकारी है। लेकिन वो किसी तरह का आईकार्ड पुलिस अधिकारियों के सामने नहीं दिखा पाया। गौतमबुद्ध नगर के एसएसपी वैभव कृष्ण ने बताया कि उसके मोबाइल की कॉल रिकॉर्डिंग और उसके मैसेज के जरिए इस फर्जीवाड़े का उद्भेदन हो गया।
जब गौरव मिश्रा को साल 2012 में पुलिस ने पहली बार पकड़ा था तब वो नोएडा के नामी विश्वविद्यालय के कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर शिरकत कर रहा था। पकड़े जाने के बाद गौरव को 2 साल की सजा हुई थी। जेल से निकलने के बाद गौरव ने एक एजेंट के जरिए कई बड़े राजनेताओं, IAS और IPS अधिकारियों से मुलाकात की थी। उसने पुलिस के सामने कबूल किया कि इस दौरान उसने प्रशासनिक अधिकारियों के रहने सहन और बातचीत का तौर तरीका सीखा।
पुलिस ने उसके पास से कई फर्जी आधार कार्ड और पासपोर्ट बरामद किये हैं। पुलिस ने गौरव के साले को भी पकड़ा है और इन दोनों ने कबूल किया है कि उन्होंने ट्रांसफर-पोस्टिंग के अलावा विश्वविद्यालय में एडमिशन दिलाने के नाम पर मोटी रकम ऐठे हैं। पुलिस ने इनपर धारा 189, 170, 419, 420, 467 और 471 के तहत मामला दर्ज किया है। (और…CRIME NEWS)
