मलेशियाई सरकार ने विवादित इस्लामिक गुरु जाकिर नाईक की बोलती बंद करा दी है। दरअसल मलेशिया सरकार ने जाकिर नाईक के सार्वजनिक भाषणों पर रोक लगा दी। स्थानीय मीडिया के मुताबिक अभी एक दिन पहले ही पुलिस ने जाकिर नाईक से हिंदुओं को लेकर दिए गए उनके बयान के बारे में 10 घंटों तक पूछताछ की थी। इसी के बाद उनके सार्वजनिक भाषणों पर रोक लगा दी गई है।
53 साल के जाकिर नाईक भारत में मोस्ट वांटेड हैं। तीन साल पहले जाकिर नाईक भारत छोड़ कर फरार हो गए थे। जाकिर नाईक ने मुस्लिम बाहुल्य देश मलेशिया में शरण ले रखी है और सरकार ने उसे स्थाई निवासी के तौर पर मान्यता दी है।
मलेशियाई पुलिस के मुताबिक जाकिर नाईक पर यह प्रतिबंध राष्ट्रीय सुरक्षा को ध्यान में रखकर लगाया गया है। रॉयल मलेशिया पुलिस के कॉरपोरेट कम्यूनिकेशन प्रमुख अस्मावती अहमद ने मीडिया को बताया है कि नाईक पर पहले से ही मलेशिया के जोहोर, सेलांगोर, पिनांग, केदा और सारावक राज्यों में प्रतिबंध है। यहां आपको बता दें कि जाकिर नाईक पर आरोप है कि उन्होंने 3 अगस्त को कोटा बारू में मलेशियन हिंदू और मलेशिया में रहने वाले चीन के लोगों को लेकर विवादित बयान दिया था।
इस्लामिक धर्मगुरु जाकिर नाईक ने कहा था कि मलेशिया में रहने वाले चीनी नागरिकों को देश छोड़ देना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा था कि मलेशिया में रहने वाले अल्पसंख्यक हिंदुओं को भारत में रहने वाले मुस्लिमों से ज्यादा अधिकार मिले हुए हैं। इसलिए वो मलेशियाई सरकार से ज्यादा भारत की सरकार पर विश्वास करते हैं।
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बता दें कि जाकिर नाईक के इस बयान के बाद काफी विवाद हुआ है। मलेशियाई सरकार और यहां के कई राजनीतिज्ञों ने जाकिर नाईक के बयान की निंदा की है। अगर मलेशिया में यह साबित हो जाता है कि जाकिर नाईक ने यह बातें नफरत फैलाने के लिए दी हैं तो उनकी नागरिका भी खतरे में पड़ सकती है। (और…CRIME NEWS)
