महाराष्ट्र के जालना में एक गन्ना किसान को अपनी पत्नी की हत्या करने के जुर्म में शनिवार (29 जून) को उम्रकैद की सजा सुनाई गई। अतिरिक्त शासकीय अधिवक्ता भरत खांडेकर के अनुसार इस दंपति का सात साल का बेटा इस वारदात का मुख्य गवाह था और उसने पिता के खिलाफ गवाही दी। यह मामला अंबाड़ तहसील के जामखेड का है। बताया जा रहा है कि दोषी ने किसी से कर्ज ले रखा था। उसे चुकाने के लिए पत्नी को ससुराल से पैसे लाने के लिए दबाव दे रहा था। उसके पैसे नहीं लाने पर उसकी हत्या कर दी थी।

50 हजार रुपए के लिए पत्नी की हत्या कीः इस मामले में अतिरिक्त शासकीय अधिवक्ता ने बताया कि जिला एवं सत्र न्यायालय के न्यायाधीश एस डी टेकाले ने लाहू गायकवाड़ को पत्नी मंडाबाई की हत्या के जुर्म में उम्रकैद की सजा सुनाई है। खांडेकर के अनुसार, ‘गायकवाड़ ने 50,000 रूपए का कर्ज ले रखा था। वह चाहता था कि इसे चुकाने के लिए उसकी पत्नी मायके जाए और पैसे लेकर आए।’ बता दें कि उसकी पत्नी मायके से पैसे लाने में इच्छुक नहीं थी।

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बेटा बना मुख्य गवाहः भरत खांडेकर ने बताया कि दोषी गायकवाड़ और उसके पिता शिवा मंडाबाई को मायके से पैसे लाने के लिए लगातार दबाव देने लगे थे। इससे वह आजिज आकर अपने मायके चली गई थी। बताया जा रहा है कि गायकवाड़ पिछले साल 21 मार्च को अपना ससुराल पहुंचा और उसने कुल्हाड़ी से अपनी पत्नी पर वार कर उसे मार डाला।’ बता दें कि इस पूरी घटना का मुख्य गवाह उनका सात साल का बेटा था। उन्होंने यह भी बताया कि सुनवाई के दौरान उनके नाबालिग बेटे समेत 12 अन्य गवाहों को भी पेश किया गया। बताया जा रहा है कि न्यायालय ने बेटे के गवाही को मुख्य आधार मानकर उसके पिता को सजा सुनाई है।