मध्य प्रदेश की एक सत्र अदालत (Session Court) ने 34 लोगों से 72 लाख रुपये की ठगी करने वाले 55 साल के एक शख्स को 170 साल की जेल की सजा सुनाई है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अब्दुल्ला अहमद ने 28 जून को दिए गए अपने फैसले में आरोपी नासिर मोहम्मद को भारतीय दंड संहिता की धारा 420 (धोखाधड़ी और बेईमानी से संपत्ति की डिलीवरी के लिए प्रेरित करना) और 193 (झूठे साक्ष्य के लिए सजा) के तहत दोषी ठहराया। दोनों धाराओं में अधिकतम 7 साल की जेल की सजा का प्रावधान है।

34 मामले के लिए अलग-अलग 5 साल के कठोर कारावास की सजा

सेशल कोर्ट के जज ने उसी दिन सजा का आदेश पारित किया जब उन्होंने देखा कि “दोषी ने कुल 34 लोगों को धोखा दिया है। प्रत्येक पीड़ित के लिए अलग-अलग सज़ा देना आवश्यक है, क्योंकि प्रत्येक पीड़ित के प्रति आरोपी द्वारा किए गए अपराधों की जिम्मेदारी भी अलग-अलग है। अदालत ने कहा, “प्रत्येक मामले के लिए 5 साल के कठोर कारावास की सजा दी जाती है। यानी कुल 34 मामलों के लिए 170 साल के कठोर कारावास की सजा दी जाती है।”

पहले मध्य प्रदेश के सिहोर में सुनाई जा चुकी है 250 साल की सजा

कोर्ट ने 170 साल की सजा के अलावा यह भी आदेश दिया कि दोषी द्वारा जमा की गई जुर्माने की रकम में से प्रत्येक पीड़ित को मुआवजे के रूप में 10,000 रुपये दिए जाएं। हालांकि, यह पहला मामला नहीं है जिसमें अदालत ने इतनी कड़ी सज़ा सुनाई है जो लगातार इतनी लंबी अवधि तक चलेगी। इससे पहले मार्च में, मध्य प्रदेश के सीहोर जिले की एक अदालत ने 20 राज्यों में 35 लाख से अधिक निवेशकों से 4,000 करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी करने के लिए एक चिटफंड कंपनी के निदेशक को 250 साल जेल की सजा सुनाई।

कंबोडिया, वियतनाम और दुबई में कपड़ों का कारोबार का सब्जबाग

अभियोजन पक्ष के मुताबिक दोषी ने सागर जिले के भैंसा और सदर गांव के निवासियों को बताया था कि उसका कंबोडिया, वियतनाम और दुबई में कपड़ों का कारोबार है। यह कहकर उसने पीड़ितों को एक कपड़ा फैक्ट्री के निर्माण में निवेश करने के लिए प्रेरित किया था। जब कुछ पीड़ितों ने आरोप लगाया कि नासिर खुद को गुजरात का व्यापारी बता रहा था और कश्मीरी जैसी अलग-अलग भाषाएं बोलता था। उसकी पहचान पर संदेह होने पर आरोपी उनके पैसे लौटाने का वादा करता रहा।

इसके बाद 17 और 18 सितंबर, 2019 की मध्यरात्रि में पीड़ित ठग के घर पहुंचे और उस पर आतंकवादी और राष्ट्रविरोधी होने का आरोप लगाया। घटना के बाद आरोपी और उसके परिवार के सदस्य भाग गए। इसके बाद उसके खिलाफ मामला दर्ज किया गया।

अदालत ने अपने फैसले में क्या कहा? दोषी को कैसे दी इतनी सजा

अभियुक्त को दोषी ठहराते हुए अदालत ने कहा कि उसने “फैक्ट्री बनाने के नाम पर गलत बयान दिया”, “वह सागर का निवासी नहीं था और उसने झूठ बोला कि उसके पास गुजरात में एक बंगला है जिसे 7 करोड़ 85 लाख रुपये में बेचा गया था।” आरोपी द्वारा “पीड़ित को प्रलोभन के झूठे बयान के कारण धोखा दिया गया” जिसने “खाते में पैसे नहीं होने के बावजूद धोखाधड़ी से पीड़ित से लिए गए पैसे के भुगतान के लिए चेक जारी करना जारी रखा।”

अदालत ने कहा कि “एक धनी व्यवसायी होने का दिखावा करके आरोपी नासिर मोहम्मद ने झूठे बयान ” और “चतुराई से पीड़ितों को लालच दिया।” फैसले में कहा गया, ”ये सभी परिस्थितियां बिना किसी संदेह के साबित कर रही हैं कि आरोपी नासिर मोहम्मद ने पीड़ितों को मैनेज करके उन्हें धोखा देकर लाखों रुपये प्राप्त किए।”

दोषी के वकील ने मांगी छूट, सरकारी वकील ने दी ये दलील

सजा सुनाए जाने के दौरान दोषी के वकील रमाकांत मिश्रा ने कहा कि आरोपी पर “कोई पूर्व दोषसिद्धि या आपराधिक चरित्र नहीं है। इस कारण से उसे न्यूनतम सजा देने का अनुरोध किया गया है।” वहीं, अतिरिक्त लोक अभियोजक रामबाबू रावत ने दलील दी कि दोषी को “कड़ी सजा दी जानी चाहिए” क्योंकि उसने 34 से अधिक लोगों को धोखा दिया और बेईमानी से 72 लाख रुपये से अधिक हासिल किए और “कई अन्य प्रांतों में भी ऐसे कार्य कर रहा है।”