मध्य प्रदेश के सतना जनपद में एक गांव है मैनहाई। इसी गांव में जन्म हुआ ललित पटेल का। घर में तीन भाई और 5 बहनें थीं। बचपन में ललित का स्वभाव आम बच्चों की तरह ही था लेकिन जैसे-जैसे वो बड़ा हुआ वो गुस्सैल स्वभाव का बनता चला गया। बाद में ललित पटेल अपने पिता के साथ अपने ननिहाल पौसलहा जाकर रहने लगा। पिता ने बेटे की शादी करा दी। लेकिन शादी के कुछ दिनों बाद अचानक ललित की पत्नी उसे छोड़ कर चली गई। बीवी के जाने के बाद ललित मुंबई चला गया और वहां पान की दुकान चलाने लगा।

चिड़चिड़ा और गु्स्सैल स्वभाव के चलते ललित का मुंबई में कुछ लोगों से छोटी-छोटी बात पर झगड़ा हो जाता था। लिहाजा कुछ दिनों तक मुंबई में रहने के बाद वो वापस पौसलहा आ गया। वापस आने के बाद ललित के एक अन्य भाई नंदी उर्फ नंदकिशोर की पत्नी भी उसे छोड़कर चली गई। दोनों भाइयों की पत्नियों के जाने के बाद गांव वाले ललित और उसके भाई को ताने देने लगे। यह बात ललित को बेहद बुरी लगी।

गुस्सैल स्वभाव का ललित इसके बाद बीहड़ में कूद गया और एक खतरनाक डकैत बन गया। ललित ने अपने भाई नंदी को साथ मिला लिया और धीरे-धीरे उसने गैंग बनाना शुरू किया। जल्दी ही उसकी मुलाकात एक अन्य डाकू बबुली कोल से हुई। बबुली कोल पर एक वक्त सरकार ने 5 लाख रुपए का इनाम भी रखा था। वो दस्यु ठोकिया के संपर्क में भी रहा। इन दोनों गिरहों के सदस्यों की मदद से ललित ने अपना गैंग बना लिया और खतरनाक हथियारों के साथ वो बड़े-बड़े अपराध करने लगा।

हत्या, लूटपाट समेत कई जघन्य अपराधों को अंजाम देकर ललित पटेल धीरे-धीरे एक नामी डकैत बन गया। चित्रकूट इलाके के बड़े डकैतों में ललित पटेल का नाम भी शुमार हो गया था। साल 2017 के जुलाई के महीने में ललित पटेल पर पुलिस मुखबिरी के आरोप में 3 लोगों को अगवा कर उनकी बेरहमी से हत्या कर देने का जघन्य आरोप लगा था। इस कुख्यात डकैत पर सतना पुलिस ने एक लाख रुपए का इनाम रखने का प्रस्ताव पुलिस हेडक्वार्टर को कभी भेजा था।

साल 2017 के अगस्त के महीने में 30 हजार के इस इनामी डैकत को पुलिस ने एक मुठभेड़ में मार गिराया था। कहा जाता है कि इस खूंखार के साथ पुलिस की 2 घंटे तक लगातार मुठभेड़ चली थी।