देश में कई अफसरों ने अपने काम करने की अलग शैली की वजह से समाज में अपनी अलग पहचान बनाई है। आज हम बात जिस महिला अफसर की कर रहे हैं उनके बारे में कहा जाता है कि उनकी पोस्टिंग जहां कहीं भी होती है वो जरुरत के हिसाब से काम के दौरान अपने आप को ढाल लेती हैं। इन्हें एक दबंग अफसर के तौर पर भी जाना जाता है। हम बात कर रहे हैं आईएएस अफसर छवि भारद्वाज की।
2 जून, 1985 को उत्तराखंड में जन्मीं छवि भारद्वाज साल 2008 बैच की आईएएस अधिकारी हैं। छवि भारद्वाज ने अपने काम की वजह से मध्यप्रदेश में एक अलग पहचान बनाई है। उन्होंने कई जिलों में कलेक्टर रहते हुए, कई कीर्तिमान स्थापित किए हैं। छवि भारद्वाज के पति नंदकुमारम भी आईएएस अधिकारी हैं। वह भी मध्यप्रदेश कैडर में ही हैं। छवि की पहली पोस्टिंग मध्यप्रदेश के ग्वालियर में सहायक कलेक्टर के रूप में हुई थी। उसके बाद उन्होंने कई जिलों में काम किया।
उनको लेकर एक किस्सा काफी मशहूर है कि जब एक सीएमओ उन्हें घूस देने पहुंच गए थे। दरअसल साल 2013 में जब छवि भारद्वाज डिंडौरी जिले की कलेक्टर थीं। तब उनके पास डिंडौरी निगम परिषद के सीएमओ एक फाइल पर साइन करवाने के लिए पहुंचे थे। बताया जाता है कि CMO अपने साथ एक लिफाफा लेकर आए थे जिसमें उन्हें घूस देने के लिए 50 हजार रुपए भी थे। लेकिन लिफाफा लेकर आईएएस अधिकारी को रिश्वत देने पहुंचे CMO को यह काफी भारी पड़ गया था। छवि भारद्वाज ने उसी वक्त पुलिस को बुलाकर सीएमओ के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवा दी थी। इस बात की चर्चा राज्य में खूब हुई थी।
जब छवि भारद्वाज भोपाल नगर निगम की कमिश्नर थीं तब जबलपुर में मूर्ति विसर्जन के दौरान भड़की हिंसा को काबू करने के लिए वो लाठी लेकर फील्ड में उतर पड़ी थीं। सुरक्षा जैकेट पहन कर उन्होंने उपद्रवियों पर ना सिर्फ लाठियां भांजी बल्कि बेहद दबंग अंदाज में हिंसा कर रहे लोगों को शांत भी करा दिया था।
हालांकि पिछले ही साल एक विवाद भी इस आईएएस अफसर को लेकर हुआ था। दरअसल उस वक्त छवि भारद्वाज राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, मध्य प्रदेश की संचालक थीं। दरअसल एक आदेश उस वक्त पारित करते हुए पुरुष नसबंदी का टारगेट पूरा करने में सख्ती बरतने का ऑर्डर दिया गया था। बाद में इस फरमान को लेकर विवाद हुआ था और छवि भारद्वाज को उस वक्त स्वास्थ्य मंत्रालय से हटा दिया गया था।