इरम सिद्दीकी-

मध्य प्रदेश के देवास में एक ही परिवार के 5 लोगों के हत्याकांड का मामला सामने आया है। पुलिस ने इस मामले में 7 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। मुख्य आरोपी सुरेंद्र और उसके दो साथी अभी पुलिस रिमांड पर हैं। सुरेंद्र ने परिवार के सभी लोगों की हत्या कर लाश अपने खेत में दफना दी थी। करीब 45 दिन बाद पुलिस ने जेसीबी से खुदाई करवाई तो शव बरामद हुए। इस पूरे हत्याकांड के पीछे का कारण सुरेंद्र और रुपाली का प्रेम प्रसंग था।

रुपाली और सुरेंद्र पिछले 2 साल से रिलेशनशिप में थे। लेकिन सुरेंद्र ने रुपाली को बिना बताए किसी अन्य लड़की से सगाई कर ली थी। पुलिस को जांच में पता चला कि इन हत्याओं के पीछे की वजह 10 और 11 मई को सुरेंद्र और रुपाली के बीच हुआ झगड़ा था। सुरेंद्र का 11 मई का जन्मदिन था और उसका फोन लगातार बिजी जा रहा था। रुपाली उसे बर्थडे विश करने के लिए लगातार फोन कर रही थी।

सुरेंद्र से संपर्क न होने के कारण वह परेशान हो गई थी और इसके बाद उसने सुरेंद्र और उसकी मंगेतर की चैट भी देख ली थी। रुपाली ने इससे गुस्सा होकर सुरेंद्र की मंगेतर की कुछ तस्वीरें निकालकर इंस्टाग्राम आईडी बना ली थी और अन्य लोगों को दोस्ती के लिए आमंत्रित भी कर रही थी। सुरेंद्र इसे बहुत नाराज हो गया था और उसने रुपाली की हत्या का प्लान बनाया था। 13 मई को उसने रुपाली को फोन किया और बातचीत करने के लिए बुलाया।

रुपाली की हत्या करना चाहता था सुरेंद्र: रुपाली जैसे ही सुरेंद्र से बात करने के लिए पहुंची तो उसने हमला कर दिया। रुपाली के साथ उसका भाई पवन भी वहां गया था जिसे सुरेंद्र के दोस्त ने बातों में लगा लिया था। बाद में पवन को मां और बहन को बुलाने के लिए घर भेजा गया। पवन जब घर से मां और बहन को बुलाकर लाया तो उसने सबको मार दिया और अपने खेत में 8 फीट गहरा गड्ढा खोदकर दफना दिया। परिवार के अन्य सदस्य भारती और संतोष जो कि गांव से बाहर रहते थे अपने घर वापस लौटे तो देखकर सन्न रह गए।

भारती रुपाली की बहन है और वह लगातार अपने परिवार के सदस्यों को फोन मिला रही थी, लेकिन फोन नहीं मिल रहा था। इस बीच भारती के फोन पर रुपाली के फोन से एक मैसेज आता है। इसमें कहा जाता है कि उसने राहुल नाम के शख्स से शादी कर ली है इसलिए वह घर पर नहीं है। भारती याद करती हैं कि वो मैसेज रुपाली ने नहीं भेजे थे क्योंकि उसकी भाषा बिल्कुल अलग थी।

गुमशुदगी का केस सोचकर जांच करती रही पुलिस: भारती बताती हैं, ‘गांव के पास जहां रुपाली ने कमरा किराए पर लिया हुआ था, उसकी जांच की जाती है। मकान मालिक सुरेंद्र को देखते ही कहता है कि ये तो रुपाली का पति है। क्योंकि सुरेंद्र भी हमारे साथ वहां पर गया था। बावजूद इसके पुलिस सुरेंद्र से पूछताछ नहीं करती है।’ पुलिस कहती है कि हम रुपाली का फोन ट्रेस करने में लगे थे। क्योंकि हमें मानव तस्करी का भी शक था। क्योंकि पुलिस को शुरुआत में ये एक साधारण गुमशुदगी का केस लग रहा था।

इसके बाद पुलिस को इंदौर के पास एक जगह पर रुपाली के फोन की लोकेशन मिली। यहां भी टीम भेजी गई, लेकिन रुपाली का कोई सुराग हाथ नहीं लगा। इसके बाद पुलिस ने अपने मुखबिर से सूचना निकलवाना शुरू किया। पुलिस का कहना है कि सुरेंद्र के भाई वीरेंद्र को जानने वाले उनके एक मुखबिर ने उन्हें बताया कि वीरेंद्र ने शराब पीने के बाद दावा किया था कि ‘पुलिस रूपाली को कभी नहीं ढूंढ पाएगी।’ आगे सुरेंद्र की मदद ली गई, जिसने कथित तौर पर मिनटों के भीतर पुलिस को अपने खेत में शवों के दफन होने की सूचना दी। बाद में जब मौके से खुदाई की गई तो पुलिस-प्रशासन के भी होश उड़ गए।