पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी से हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां एक मां और उसके नवजात शिशु को सोमवार को पांच घंटे तक उनके किराए के घर में जाने से मना कर दिया गया, क्योंकि मकान मालिक ने कथित तौर पर उसे ‘अशुद्ध अवस्था’ में प्रवेश करने के लिए अशुभ माना (बच्चे के जन्म के बाद कथित अशुद्धता की अवधि)।
सीढ़ियों पर शरण लेने के लिए हुई मजबूर
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, मां को घऱ के बाहर सीढ़ियों पर काफी देर तक बैठने के लिए मजबूर होना पड़ा। इसके बाद किसी ने पुलिस को सूचना दी, फिर पुलिस पहुंची और महिला को बचाया। घटना जलपाईगुड़ी के सेन पारा में कालीतला रोड पर हुई। शुक्रवार को गर्भवती महिला को जलपाईगुड़ी अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उसने एक बच्चे को जन्म दिया था।
यह भी पढ़ें – ‘पापा ने मम्मी को मार डाला, फिर…’, 4 साल की बच्ची ने ड्राइंग बनाकर किया पिता की दरिंदगी का खुलासा, पुलिस भी रह गई सन्न
रिपोर्ट के अनुसार, सोमवार दोपहर को छुट्टी मिलने के बाद वह अपने नवजात शिशु के साथ घर लौटी, लेकिन उसके मकान मालिक दिलीप ने उसे घर में प्रवेश करने से मना कर दिया। पुलिस ने मकान मालिक को चेतावनी जारी की, जिसमें उसे मां और उसके नवजात शिशु को परेशान न करने का निर्देश दिया गया।
यह भी पढ़ें – पंजाब : पहले भी तीन बार पत्नी को मारने की कोशिश कर चुके थे आप नेता, चौंकाने वाली है मर्डर की Inside Story
जलपाईगुड़ी नगर पालिका के उपाध्यक्ष सैकत चटर्जी ने कहा, “यह आखिरी चीज है जिसे कोई भी देखना चाहेगा, यह अमानवीय है। हमने अपने स्थानीय पार्षद से परिवार की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कहा है।”
बच्चे की चाह में किया हैरान करने वाला काम
गौरतलब है कि समाज में अभी भी अंधविश्वास और रूढ़ीवादी मानसिकता ने अपना जाल फैलाया हुआ है। यहीं वजह है कि ऐसी घटनाएं आएदिन सामने आते रहती हैं। बीते दिनों ऐसी ही एक घटना में एक शख्स ने बेटे की चाह में जिंदा मुर्गे का चूजा निगल लिया था, जिससे उसकी मौत हो गई थी। घटना छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर की है।
यहां रहने वाला शख्स पिता बनना चाहता था। वो जादू-टोने के चक्कर में जिंदा चूजा निगल गया, जो उसके गले में जाकर फंस गया। शख्स को सांस लेने में दिक्कत होने लगी, वो छटपटाने लगा। इसके बाद शख्स को अंबिकापुर के मेडिकल कॉलेज अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी मौत हो गई।