दुनिया की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक मानी जाने वाली UPSC सिविल सेवा परीक्षा में गुंजन द्विवेदी ने अपने तीसरे प्रयास में पूरे भारत में 9वीं रैंक हासिल की। गुंजन द्विवेदी के संघर्ष की कहानी यूपीएससी की परीक्षा देने वाले हर प्रतियोगी के लिए प्रेरणादायक है। पहले और दूसरे प्रयास में असफलता मिलने के बाद भी गुंजन ने हार नहीं मानी और अपनी कमियों को दूर कर पूरी मेहनत और लगन से अपने सपने को साकार किया।

गुंजन ने IAS बनने के सपने को पूरा करने में पांच साल का संघर्ष किया। गुंजन द्विवेदी उत्तर प्रदेश के लखनऊ की रहने वाली हैं। उनके पिता आईपीएस अफसर थे। उनकी बहन भी सिविल सर्वेंट हैं। इस वजह से उन्हें घर में ही प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए बेहतर तैयारी करने का माहौल और प्रेरणा मिली।

गुंजन ने 12वीं पास करने के बाद तय किया कि वो यूपीएससी की तैयारी करेंगी। 2014 में उन्होंने ग्रेजुएशन पूरा किया और फिर यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी। साल 2016 में उन्होंने पहली बार यूपीएससी की परीक्षा दी लेकिन सफलता हाथ नहीं लगी। बता दें कि 2016 की परीक्षा में गुंजन द्विवेदी प्री परीक्षा में भी पास नहीं हो सकीं थी।

इसके बाद गुंजन को अपने दूसरे प्रयास में भी सफलता नहीं मिली। हालांकि साल 2018 में उन्होंने अपने तीसरे प्रयास में ऑल इंडिया 9वीं रैंक हासिल की। गुंजन द्विवेदी का मानना है कि अपना बेस मजबूत करने के लिए एनसीईआरटी की किताबें काफी सहायक हैं। इससे आपको यूपीएससी में सफलता पाने सहायता मिलेगी।

गुंजन कहती है कि बेस मजबूत करने से आपको आगे की तैयारी में मदद मिलेगी। गुंजन कहती हैं कि जब आप यूपीएससी की तैयारी में हों तो आपको समय-समय पर अपना आंकलन जरूर करना चाहिए। जहां कमी हो एनालिसिस कर उसे दूर करें। उन्होंने कहा कि अधिक रिवीजन करें और सबसे अहम, उत्तर लिखने का अभ्यास करते रहें। ज्यादा से ज्यादा मेहनत ही यूपीएससी में सफलता का एकमात्र जरिया होती है।