लखनऊ की एडिशनल एसपी (ASP) श्वेता श्रीवास्तव के 10 साल के इकलौते बेटे को कुचले जाने के मामले में पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार लिया है। आरोपियों के नाम सार्थक सिंह और देवश्री वर्मा है। दोनों अमीर घराने से संबंध रखते हैं। दोनों ने पुलिस के सामने जो खुलासा किया है वह सुनकर कोई भी हैरान हो सकता है। असल में पुलिस के सामने आरोपियों ने कबूल किया है कि रेस लगाने से पहले दोनों के बीच तय था कि रास्ते में जो भी आएगा उसे उड़ा देंगे मगर ब्रेक नहीं लगाएंगे। यह बात सार्थक ने देवश्री से कही थी। इसके बाद दोनों रेस लगाने लगे।
हादसे से वक्त कार की रफ्तार 150 KM की स्पीड पर थी। इसी बीच नामिश को वे कुचलते हुए निकल गए। उन्हें पता था कि बच्चा बचेगा नहीं इसलिए उन्होंने कार नहीं रोकी। सीसीटीवी फुटेज में उनकी कार का नंबर नहीं आया था। उन्हें लगा था कि वे बच जाएंगे मगर पुलिस ने घटना स्थल से आगे चाय की दुकान पर लगे सीसीसीटीवी से उनकी पहचान कर ली।
एक आरोपी सपा नेता का बेटा है तो दूसरा सराफा व्यापारी के परिवार से संबंध रखता है। रिपोर्ट के अनुसार, आरोपी सार्थक के पिता रविंद्र सिंह बाराबंकी जिले के रामनगर में जिला पंचायत सदस्य रह चुके हैं। वहीं दूसरे आरोपी देवश्री के चाचा अंशुल वर्मा कानपुर के जाने-माने सराफा कारोबारी हैं। जानकारी के अनुसार, देवश्री अपने चाचा की गाड़ी लेकर आया था।
दोनों को लगा था कि सपा नेता रविंद्र सिंह दोनों को बचा लेंगे। इसलिए वे पहले घर गए और हादसे बारे में परिजन को बताया। खबर है कि पुलिस ने इस मामले में सपा नेता पर भी एफआईआर दर्ज की गई है।
जानिए क्या है पूरा मामला
मामले में डीसीपी आशीष श्रीवास्तव ने कहा कि घटना सुबह लगभग 5:30 बजे गोमती नगर के विस्तार इलाके के जनेश्वर मिश्र पार्क के पास हुई। लखनऊ की एडिशनल एसपी श्वेता श्रीवास्तव अपने 10 साल के बेटे नमिश के साथ सुबह टहलने के लिए निकलीं थीं। उसी दौरान नमिश जनेश्वर मिश्र पार्क के पास अपनी स्केटिंग की प्रेक्टिस कर रहा था। उसी समय तेज रफ्तार कार ने उसे रौंद दिया। बच्चे के साथ उसके कोच भी थे। फौरन उसे अस्पताल ले जाया गया मगर वह बच नहीं सका।