सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड में हर रोज नए खुलासे हो रहे हैं। वहीं अब सिद्धू मूसेवाला मर्डर केस में नई बात सामने आई है। दरअसल, शूटरों का असली निशाना तो लॉरेंस से 5 करोड़ फिरौती वसूलने वाला गैंगस्टर डागर था, जब शूटर उसे मारने में असफल रहे उन्होंने मूसेवाला को मार डाला। गैंगस्टर अमित डागर के बारे में माना जाता है कि उसने लॉरेंस से भी कभी मांगी फिरौती थी।

कौन है अमित डागर: दिल्ली-गुरुग्राम गैंगस्टर कौशल का खास माना जाने वाला अमित डागर फिलहाल पंजाब में ही पुलिस रिमांड पर है। उस पर बीते साल 7 अगस्त 2021 को युवा अकाली नेता विक्की मिद्दुखेड़ा की हत्या का भी आरोप है। बताया जाता है कि इसी हत्या के बाद से डागर और बिश्नोई के बीच मनमुटाव बढ़ गया था। डागर 2006 में तब सुर्खियों में आया, जब उस पर गैंगस्टर चैलू की हत्या का आरोप लगा था। अमित डागर पर 20 से अधिक आपराधिक मामले दर्ज हैं।

गैंगस्टर सुरेंद्र ग्योंग का मिला साथ: टीओआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, एक फर्जी पुलिस मुठभेड़ में मारे गए गैंगस्टर संदीप गडोली की मौत के बाद डागर और कौशल कथित तौर पर कुख्यात गैंगस्टर सुरेंद्र ग्योंग के साथ मिल गए थे। जियोंग के साथ रहकर डागर ने कई हत्याओं, हत्या के प्रयासों और जबरन वसूली के मामलों में शामिल रहा। फिर उसका नाम 2016 में गैंगस्टर महेश उर्फ ​​अटैक की हत्या में भी सामने आया था। हाल ही में, उन पर जेल में बंद रहने के दौरान भी कई व्यापारियों, प्रॉपर्टी डीलरों और सट्टेबाजों को रंगदारी मांगने का आरोप लगाया गया था।

लॉरेंस के गुर्गे कर रहे थे रेकी: युवा अकाली नेता विक्की मिद्दुखेड़ा की हत्या के बाद लॉरेंस गैंग अमित डागर के पीछे पड़ा था। मूसेवाला का हत्या के बाद 2 जून को लॉरेंस गैंग के दो गुर्गे दिनेश उर्फ गंगाराम और संदीप अहीर दबोचे गए थे। इसी क्रम में पूर्व डकैत रामदत्त ठाकुर को भी गिरफ्तार किया गया, जिन्होंने इन अपराधियों को पनाह दी थी। पुलिस उप अधीक्षक दीपक खंडेलवाल के मुताबिक, ये दोनों गुर्गे डागर को मारने वाले थे; लेकिन उससे पहले ही पुलिस ने डागर को विक्की मिद्दुखेड़ा हत्या मामले में गिरफ्तार कर लिया गया था।

लॉरेंस बिश्नोई से मांग ली फिरौती: रिपोर्ट्स के मुताबिक, साल 2017-18 के दौरान लॉरेंस बिश्नोई को धमका कर अमित डागर ने पांच करोड़ की फिरौती मांगी थी। डागर केवल यह दिखाना चाहता था कि वह बिश्नोई से बड़ा गैंगस्टर है। जब लॉरेंस ने फिरौती देने से मना किया था तो डागर ने लॉरेंस से जुड़ी एक कंस्ट्रक्शन कंपनी के अफसर को जयपुर में मार डाला था। बताया जाता है कि इसके बाद बिश्नोई ने डागर को पांच करोड़ रुपए की फिरौती दी थी।