Lawrence Bishnoi: कई संगीन आपराधिक मामलों में जेल में बंद लॉरेंस बिश्नोई ने अहमदाबाद में एक विशेष एनआईए अदालत से जांच एजेंसी को निर्देश देने का अनुरोध किया है कि वह उसे गैंगस्टर या आतंकवादी न कहे। बिश्नोई ने अपने वकील के जरिए अदालत से गुहार लगाआई है कि पुलिस कागजात में उसके लिए गैंगस्टर या आतंकवादी जैसे शब्दों का इस्तेमाल न करे। उसने कहा कि अभी तक उसके खिलाफ कोई आरोप साबित नहीं हुए हैं।
अदालत में पेशी के दौरान भगत सिंह की तस्वीर वाली टी-शर्ट पहनने से रोकने की शिकायत
रिपोर्ट्स के मुताबिक विशेष एनआईए अदालत में दायर एक आवेदन में लॉरेंस बिश्नोई ने एक दोषी के तौर पर व्यवहार किए जाने की शिकायत करते हुए कहा कि अदालत में आने के दौरान उसे शहीद भगत सिंह की तस्वीर वाली टी-शर्ट पहनने की इजाजत नहीं दी जाती है। अपनी अर्जी में उसने लिखा, “मुझे आज तक किसी भी मामले में दोषी नहीं ठहराया गया है। फिर भी मेरे साथ एक सजायाफ्ता कैदी के रूप में व्यवहार किया गया है। मुझे अदालत में पेशी के दौरान सम्मानित सच्चे देशभक्त श्री भगत सिंह की छवि वाली टी-शर्ट पहनने से प्रतिबंधित कर दिया गया है।”
आतंकवादी या गैंगस्टर कहने पर लॉरेंस बिश्नोई ने जताई कड़ी आपत्ति, खुद को बताया देशभक्त
खुद को गैंगस्टर और आतंकवादी न कहे जाने पर लॉरेंस बिश्नोई ने कहा, “अपने अतीत और भविष्य को देखने के लिए मेरी अपनी धारणा और अवधारणाएं हैं, लेकिन अगर कोई मुझे आतंकवादी या गैंगस्टर कहकर संबोधित करता है तो मैं कड़ी आपत्ति जताता हूं। मैं अपनी मातृभूमि से प्यार करता हूं और अगर मुझे ‘न्याय’ मिलता है तो मैं अपने देश भारत के लिए जीऊंगा और मरूंगा।” न्यायपालिका और अपनी देशभक्ति में अपना भरोसा जताने के बाद लॉरेंस बिश्नोई ने “वंदे मातरम…जय हिंद…जय श्रीराम” के साथ अपना आवेदन पूरा किया।
पाकिस्तानी नाव से 200 करोड़ रुपये की ड्रग्स की जब्ती मामले में NIA की हिरासत में है बिश्नोई
गुजरात में समुद्र तट के पास सितंबर 2022 में एक पाकिस्तानी नाव से 200 करोड़ रुपये की ड्रग्स की जब्ती से जुड़े मामले की जांच अपने हाथ में लेने के बाद से राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने लॉरेंस बिश्नोई को अपनी हिरासत में लिया हुआ है। इस मामले की जांच पहले गुजरात एटीएस कर रही थी। इस मामले में लॉरेंस बिश्नोई को मुख्य आरोपी के तौर पर पेश किया गया था। पहले उसे कच्छ के नलिया लाया गया और एक अदालत ने उन्हें हिरासत में पूछताछ के लिए भेज दिया। फिर जांच एनआईए को सौंप दी गई और उसे बिश्नोई की हिरासत मिल गई।