“इतने दिन हो गए अब तक पैसे वापस नहीं किए हैं। एक महीने में लौटाने की बात कही थी पर अब तक…।” इस तरह की परिस्थिति में हम सभी कभी ना कभी तो फंसे ही होंगे। कई बार ऐसा होता है कि हम किसी को पैसे उधार देते हैं और फिर वो पैसे लेकर बैठ ही जाते हैं।
उधार दिए पैसे कब तक मांग सकते हैं?
स्थिति ऐसी हो जाती है कि हमें अपने ही पैसे मांगने में शर्म आने लगती है। अगर बेशर्म बनकर पैसे मांग भी लो तो सामने वाला नाराज हो जाता है। इस चक्कर में कई बार हमारे पैसे डूब जाते हैं। इस खबर में हम आपको इस संबंध में जानकारी देंगे कि आप अपने उधार दिए पैसे कब तक मांग सकते हैं। भारतीय कानून प्रणाली में इससे जुड़े कौन से नियम हैं।
नियमों की बात करें तो किसी को उधार दिए गए पैसे को वापस लेने का कानूनी हक आपके पास केवल तीन साल का ही है। उसके बाद आप उससे अपने ही पैसे वापस नहीं ले सकते। भले ही आप उसके खिलाफ कोर्ट भी चले जाएं।
इन मामलों में Limitation Act 1963 काम करता है। इस एक्ट की धारा-3 में ये स्पष्ट कहा गया है कि यदि कोई वाद, अपील या आवेदन निर्धारित समय की समाप्ति के बाद कोर्ट के समक्ष लाया जाता है तो कोर्ट ऐसे वाद, अपील या आवेदन को समय बीत जाने के कारण खारिज कर देगा।
मुकदमेबाजी का अंत होना चाहिए
इस एक्ट का मकसद ही यही है कि किसी भी मामले को समय रहते निपटा लिया जाए। समाज के हित में, मुकदमेबाजी का अंत होना चाहिए।
इस एक्ट के मुताबिक कानून उन लोगों की मदद करेगा जो अपने अधिकारों के प्रति सजग हैं, न कि उन लोगों की जो लापरवाह हैं। सरल शब्दों में, कानून उन लोगों की मदद नहीं करेगा जो अपने अधिकारों के प्रति सजग नहीं हैं।