गुजरात के अहमदाबाद से एक हैरानी भरा मामला सामने आया है। देश के शिक्षण संस्थानों में रैगिंग पर सख्त कार्रवाई के आदेश हैं। अहमदाबाद के एक केंद्रीय विद्यालय के नौवीं कक्षा के छात्रों के साथ रैगिंग की शिकायत सामने आई है। हालांकि, केंद्रीय विद्यालय स्कूल के प्रिंसिपल ने इन दावों को नकार दिया है; लेकिन छात्र की मां ने गंभीर लगाते हुए कहा कि उनके बेटे और उसके साथियों के साथ रैगिंग की गई और उन्हें पेशाब पीने के लिए मजबूर किया गया।
इस मामले में केंद्रीय विद्यालय के प्रिंसिपल ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि इस शिकायत के संबंध में विद्यालय द्वारा आंतरिक जांच की गई, लेकिन इन दावों की पुष्टि नहीं हुई है। बता दें कि इस मामले में 22 अप्रैल को वस्त्रपुर थाने में दर्ज कराई गई थी। पुलिस को दी गई अपनी शिकायत में महिला ने विद्यालय के 12वीं कक्षा के कुछ छात्रों पर रैंगिंग का आरोप लगाया था। वहीं, मामला सामने आने के बाद विद्यालय प्रबंधन पर भी सवाल खड़े हो गए थे।
शिकायत में महिला ने आरोप लगाया था कि कक्षा 12वीं के कुछ छात्र बीते 20 अप्रैल को उसके बेटे और कुछ अन्य छात्रों को स्कूल के शौचालय में ले गए थे। जहां उन सभी के साथ दुर्व्यवहार किया गया और उन्हें सीनियर छात्रों द्वारा पेशाब पिलाने की कोशिश की गई थी। इस बात का उन सभी पर बड़ा बुरा असर पड़ा है। इस मामले के संबंध में इंस्पेक्टर संदीप खंभाला ने कहा कि पुलिस प्रारंभिक जांच कर रही है। हालांकि, अभी तक कोई एफआईआर दर्ज नहीं की गई है।
वहीं, केंद्रीय विद्यालय के प्रिंसिपल जेमी जेम्स ने कहा कि रैगिंग की शिकायत पर अब तक दो बार जांच की गई है, जिसमें कुछ भी सामने नहीं आया है। प्रिंसिपल ने कहा कि हमने घटना के तुरंत बाद गुरुवार को ही जांच शुरू कर दी थी। जब जांच पूरी हो गई तो परिणामस्वरूप कुछ भी सामने नहीं आया था।
ज्ञात हो कि, देश में रैगिंग पर सख्त कानून है लेकिन फिर भी ऐसी घटनाएं निकलकर सामने आती हैं। इनमें कई बार छात्रों पर गंभीर आरोप के कारण उन्हें संस्थानों से निष्काषित भी किया जा चुका है। यूनिवर्सिटी और कॉलेज में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए एंटी रैगिंग कमेटी भी बनाई जाती है।