Karnataka Crime News: कर्नाटक में मंगलुरु शहर की पुलिस ने दक्षिण कन्नड़ जिला विश्व हिंदू परिषद (VHP) के संयुक्त सचिव शरण पंपवेल के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस का कहना है कि उन्होंने और उनके अनुयायियों ने कर्नाटक में हिंदू मंदिरों में त्योहारों और मेलों के दौरान मुस्लिम व्यापारियों के बहिष्कार का आह्वान करते हुए भगवा झंडे लगाए थे।
VHP नेता और कार्यकर्ताओं के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 153 (ए) के तहत मामला
मंगलुरु शहर के पुलिस आयुक्त अनुपम अग्रवाल ने बुधवार को कहा कि शरण पंपवेल और उनके साथियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 153 (ए) (धर्म, जाति, जन्म स्थान, निवास के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना) के तहत मामला दर्ज किया गया है। अग्रवाल ने कहा, “पंपवेल ने अपने अनुयायियों के साथ श्रीमंगलादेवी मंदिर के आसपास हिंदू समुदाय के सदस्यों की दुकानों पर भगवा झंडे लगाए। उन्होंने वहां एक बयान भी दिया जिसमें हिंदुओं से आह्वान किया गया कि वे अपनी जरूरतों की चीजें केवल हिंदू समुदाय के लोगों द्वारा संचालित और स्वामित्व वाली दुकानों से ही खरीदें।”
गैर-हिंदुओं को मेलों में व्यापार में भाग लेने की अनुमति देने का विरोध कर रहा VHP
पुलिस आयुक्त अनुपम अग्रवाल ने कहा, “उनका यह बयान और काम धर्म के आधार पर दुश्मनी पैदा करता है। पीएसआई (एल एंड ओ) मंगलुरु दक्षिण पुलिस स्टेशन मनोहर प्रसाद की शिकायत के आधार पर, मंगलुरु दक्षिण पुलिस स्टेशन में शरण पंपवेल और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।” कर्नाटक के तटीय इलाके में मंदिर मेलों का मौसम शुरू होने के साथ वीएचपी और सनातन हिंदू व्यापार संघ गैर-हिंदुओं को मेलों में व्यापार में भाग लेने की अनुमति देने का विरोध कर रहे हैं।
मंगलुरु के श्रीमंगलादेवी मंदिर में हिंदू व्यापारियों के स्वामित्व वाले स्टालों पर भगवा ध्वज
इससे पहले पिछले हफ्ते शरण पंपवेल और उनके अनुयायियों ने मंगलुरु शहर के श्रीमंगलादेवी मंदिर में हिंदू व्यापारियों के स्वामित्व वाले स्टालों पर “भगवा ध्वज” लगाया था। इसे भक्तों के लिए एक संदेश के रूप में देखा गया कि वे केवल हिंदुओं के स्वामित्व वाले स्टालों से ही चीजें खरीदें। पंपवेल ने मीडिया से कहा कि वह या उनका संगठन मुसलमानों के व्यापार करने के खिलाफ नहीं है, बल्कि उन लोगों के खिलाफ हैं जो हिंदू उत्सवों के दौरान मंदिरों के पास स्टॉल लगाते हैं।
‘जो मूर्ति पूजा में विश्वास नहीं करते उन्हें मंदिरों के पास व्यापार करने की अनुमति क्यों?’
शरण पंपवेल ने कहा, “अगर कोई मूर्ति पूजा में विश्वास नहीं करता है तो उन्हें मंदिरों के पास व्यापार करने की अनुमति क्यों दी जानी चाहिए?” दक्षिण कन्नड़ स्ट्रीट वेंडर्स वेलफेयर एसोसिएशन के मानद अध्यक्ष बी के इम्तियाज ने कहा कि चूंकि वे गैर-हिंदुओं को स्टालों की नीलामी में भाग लेने से रोकने में असमर्थ हैं, इसलिए वे भगवा झंडा लगाकर ऐसी सस्ती राजनीति में लगे हुए हैं। उन्होंने कहा, “यह पहली बार नहीं है और इससे मेले का कारोबार प्रभावित नहीं होगा।”
यह विवाद पिछले साल तटीय कर्नाटक क्षेत्र में शुरू हुआ और बाद में मुसलमानों को हिंदू मंदिर मेलों में भाग लेने से रोकने के लिए चलाए गए अभियानों के साथ अन्य हिस्सों में फैल गया।