Kamlesh Tiwari Murder, UP Police, CM Yogi: उत्तर प्रदेश के कानपुर में कमलेश तिवारी हत्याकांड में शामिल आरोपियों ने हत्या से ठीक पहले सिम और मोबाइल खरीदा था। बता दें कि हिंदू समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमलेश तिवारी के हत्यारों का कानपुर कनेक्शन जानने के लिए एसटीएफ की कई टीमें वहां डेरा जमाएं है। कमलेश के हत्यारें बीते 17 अक्टूबर की शाम जनउद्योग एक्सप्रेस से कानपुर सेंट्रल स्टेशन पर उतरे थे। वह स्टेशन से बाहर निकलने के बाद रेलबाजार के एक मोबाइल शॉप से सिम और माबाइल फोन खरीदा था। इसके बाद हत्यारे टाटमिल होते हुए झकरकटी बस अड्डे पहुंचे थे वहां से बस से लखनऊ के लिए रवाना हुए थे। यह अहम जानकारी एसटीएफ को जांच के बाद मिली है। मामले की जांच अभी भी जारी है।
कानपुर सेंट्रल स्टेशन से खरीदा था मोबाइलः एसटीएफ ने कानपुर सेंट्रल स्टेशन के सीसीटीवी समेत बस अड्डे के बाहर लगे कैमरों को खंगालने में जुटी है। इस स्टेशन से चंद कदमों की दूरी पर एक मोबाइल शॉप है। बता दें कि हत्यारों ने अशफाक नाम की आईडी और फोटो से सिम और मोबाइल खरीदा था। वहीं मामले में एसटीएफ ने मोबाइल शॉप के मालिक से लंबी पूछताछ की है। एसटीएफ ने शॉप से अशफाक की आईडी को कब्जे में ले लिया है। सिम खरीदने के घंटे बाद एक्टीवेट हो गया था। एसटीएफ के अनुसार, सिम एक्टिवेट होने के बाद हत्यारों ने कई लोगो से बात की थी।
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एसटीएफ ने हत्यारों के मददगार को किया गिरफ्तारः बता दें कि एसटीएफ ने जनपद कानपुर देहात के रूरा कस्बे के गेंदामऊ गांव से प्रदीप यादव को गिरफ्तार किया है। जानकारी की मुताबिक, कानपुर देहात निवासी युवक सूरत में नौकरी करता था। ट्रेन में सफर के दौरान हत्यारों ने उस युवक के माबाइल से बात की थी और उस युवक का नंबर भी ले लिया था।
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पूछताछ के लिए प्रदीप के गांव गई थी एसटीएफः एसटीएफ इसके साथ ही यह भी जांच करने में लगी है कि कानपुर देहात से गिरफ्तार प्रदीप यादव हत्यारों को पहले से जानता था की नहीं। एसटीएफ यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि दोनों के बीच किसी तरह का संमर्क था। रविवार (20 अक्टूबर) को प्रदीप के परिजनों से पूछताछ के लिए एसटीएफ की एक टीम उसके गांव गई थी। लेकिन प्रदीप के घर पर ताला लगा हुआ था।
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कानपुर में आरोपियों की मददगार की तलाश में जुटी एसटीएफः मामले में एसटीएफ यह भी जानने की कोशिश कर रही है कि आरोपियों की कानपुर में किसने मदद की है। एसटीएफ के अनुसार, आरोपी जिस तरह से कानपुर आए और रेल बाजार से सिम और मोबाइल खरीदा है। इसके बाद वो टाटमिल होते हुए बस अड्डे तक पहुंचे। इससे ऐसा लगता है कि हत्यारे इसके पहले भी वहां आकर रेकी कर चुके है। बता दें कि आरोपी 17 अक्टूबर की रात को ही लखनऊ के लिए रवाना हो गए थे।